एयर इंडिया के निजीकरण और टाटा समूह के पास जाने के बाद अब कर्मचारियों पर तलवार लटक गई है। टाटा समूह ने एक मेल के जरिए सभी कर्मचारियों को सूचित किया है वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस योजना ला रही है। इससे एयरलाइंस के करीब 9000 कर्मचारियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
समूह ने जो वीआरएस योजना कर्मचारियों के सामने रखी है उसके मुताबिक ऐसे कर्मचारी जो 55 साल से ऊपर के हैं या फिर उन्होंने सेवा में 20 साल पूरे कर लिए हैं उन्हें वीआरएस पैकेज दिया जाएगा।
समूह के एचआर विभाग द्वारा जारी मेमो के मुताबिक कैबिन क्रू के लिए उम्र की सीमा 40 साल कर दी गई है। यानी जो कैबिन क्रू 40 की उम्र के हैं वे भी वीआरएस योजना का हिस्सा बन सकते हैं। मेमो में का गया है कि जो भी कर्मचारी वीआरएस का विकल्प चुनेंगे उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जोकि एकमुश्त मुआवजे यानी एक्स-ग्रेशिया से अलग होगी।
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कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्सेस ऑफिसर सुरेश दत्ते ने मेमो में कहा है कि, “जो कर्मचारी वीआरएस योजना के लिए पहली जून से 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं या फिर अपने रीजन के के कार्मिक विभाग प्रमुख से संपर्क कर सकते हैं।” बताते चलें कि नवंबर 2019 तक एयर इंडिया में 9,426 स्थाई कर्मचारी काम कर रहे थे।
इस विषय में एयर इंडिया यूनियन के नेताओं ने फिलहाल टिप्पणी से इनकार कर दिया है। लेकिन रोचक बात यह है कि एक तरफ तो एयर इंडिया वीआरएस स्कीम लेकर आई है, वहीं दूसरी तरफ उसने भर्ती प्रक्रिया भी शुरु की है और कोलकाता, मुंबई, बेंग्लुरु और हैदराबाद में केबिन क्रू के लिए वॉक-इन इंटरव्यू हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कंपनी मिड और सीनियर लेवल पर भी भर्तियां कर रही है, जिनमें इंजीनियरिंग, नेटवर्क प्लानिंग आदि के विभाग शामिल हैं।
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गौरतलब है कि एयर इंडिया की इंजीनियरिंग सर्विस को देश की सबसे अच्छी एविएशन सर्विस माना जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीसीएस के पुराने वरिष्ठ अफसर जिन्होंने पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम की अगुवाई की थी, उन्हें अब कस्टमर एक्सपीरियंस और ग्राउंड हेडलिंग की जिम्मेदारी दी जा रही है। वहीं टाटा डिजिटल में स्ट्रेटजिक इनीशिएटिव के प्रमुख सत्या रामास्वामी को एयरलाइन के चीफ डिजिटल एंड टेक्नोलॉजी आफिसर के तौर पर नियुक्त किया जा रहा है।
हमने पहले ही खबर दी थी कि एयर इंडिया के टाटा समूह के हाथों बिक्री होने के बाद मोदी सरकार ने एयर इंडिया की मुंबई स्थित आइकॉनिक इमारत एयर इंडिया बिल्डिंग को भी बेचने की योजना बना ली है। मुंबई के मरीन ड्राइव पर स्थित 23 मंजिलों वाली यह शानदार इमारत काफी मशहूर है।
टाटा समूह ने अक्टूबर 2021 में एयर इंडिया का अधिग्रहण या था इससे सरकार को 18,000 करोड़ रुपए मिले थे।
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