देश में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए दुष्कर्म पीड़ितों के लिए सक्रिय रूप से काम करने वाली महिला कार्यकर्ता योगिता भयाना ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से आग्रह किया है कि वह हाथरस गैंगरेप सहित हाल की इस तरह की तमाम घटनाओं पर संज्ञान ले और भारत को "दुष्कर्म-मुक्त राष्ट्र" बनाने के लिए एक ठोस तंत्र तैयार करे।
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एनएचआरसी के अध्यक्ष जस्टिस एच एल दत्तू को लिखे अपने पत्र में योगिता भयाना ने कहा, "मैं अपने प्यारे देश में महिलाओं की सुरक्षा के विषय पर ध्यान आकर्षित करना चाहूंगी। मैं इन बहुत ही कम उम्र की लड़कियों की नृशंस हत्या के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में हुए क्रूर दुष्कर्मों से बहुत बेचैन हूं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में हर पंद्रह मिनट में एक महिला के साथ दुष्कर्म किया गया। उस वर्ष 33,977 दुष्कर्म के मामले रिपोर्ट किए गए।"
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भयाना ने पत्र में कहा कि 15 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए सामूहिक दुष्कर्म ने न केवल हमारे देश को हिला दिया है, बल्कि दुनिया भर के लोग भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस विशेष घटना में शामिल अपराधियों ने लड़की पर अत्याचार के सभी स्तरों को पार कर लिया है, जो बेहद चौंकाने वाला और दुखद है। इसलिए, लड़की ने अपनी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। मैंने इस विशेष मामले में प्रशासन और पुलिस के उदासीन रवैये को व्यक्तिगत रूप से देखा है।"
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बता दें कि योगिता भयाना दुष्कर्म के खिलाफ पीपल अगेंस्ट रेप्स इन इंडिया (परी) नामक एक फाउंडेशन चलाती हैं। इस क्षेत्र में पिछले दो दशकों से काम कर रहीं दुष्कर्म-रोधी कार्यकर्ता ने अपने पत्र में यह भी कहा, “एक अपराधी पीड़िता को जीवित नहीं छोड़ते और उसके साथ इतना अमानवीय व्यवहार किया जाता है कि वह दम तोड़ देती है। हाथरस पीड़िता की जीभ काट दी गई और उसकी रीढ़ की हड्डी में कई फ्रैक्चर भी हुए। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि उपरोक्त मामलों पर कृपया उचित संज्ञान लें और भारत को 'दुष्कर्म मुक्त देश' बनाने के लिए तंत्र पर काम करें।"
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