सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉन्ड की विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा करना चाहिए था। अदालत ने इस संबंध में बैंक से जवाब मांगा।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने निर्वाचन आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई की जिसमें चुनावी बॉन्ड मामले में न्यायालय के 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया गया है।
Published: 15 Mar 2024, 1:09 PM IST
अदालत ने अपने पंजीयक (न्यायिक) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निर्वाचन आयोग द्वारा सीलबंद कवर में सौंपे गए आंकड़ों को स्कैन किया जाए और उन्हें डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। पीठ ने कहा कि इस काम को शनिवार शाम पांच बजे तक पूरा करना बेहतर रहेगा और एक बार यह कार्य हो जाने के बाद मूल दस्तावेज निर्वाचन आयोग को वापस कर दिए जाएं।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के इन अभ्यावेदनों पर गौर किया कि एसबीआई ने चुनावी बॉण्ड की विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या का खुलासा नहीं किया है।
Published: 15 Mar 2024, 1:09 PM IST
पीठ ने बैंक को नोटिस जारी किया और मामले में आगे की सुनवाई के लिए 18 मार्च की तिथि तय की। इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने अपनी अर्जी में कहा कि न्यायालय के 11 मार्च के आदेश में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान सीलबंद लिफाफे में उसके द्वारा शीर्ष अदालत को सौंपे गए दस्तावेजों की प्रतियां आयोग के कार्यालय में रखी जाएं लेकिन उसने अपने पास दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी है।
आयोग ने कहा कि उसने दस्तावेजों की कोई प्रति अपने पास नहीं रखी है। उसने कहा कि इन दस्तावेजों को वापस किया जाए ताकि वह न्यायालय के निर्देशों का पालन कर सके।
Published: 15 Mar 2024, 1:09 PM IST
चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर केंद्र की बीजेपी सरकार चौतरफा घिर गई है। भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। चुनावी बॉन्ड और सीएए पर बोलते हुए सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा है कि हर बॉन्ड की संख्या प्रदान करें, तब यह स्पष्ट हो जाएगा कि किसने किस नंबर का बॉन्ड प्राप्त किया है। हमने संसद में रहते हुए इसका विरोध किया था क्योंकि यह राजनीतिक भ्रष्टाचार को कानूनी दर्जा प्रदान करने जैसा है। क्या आपने कभी सुना है कि खरीदे गए चुनावी बॉन्ड के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है? सुप्रीम कोर्ट सीएए पर 200 से अधिक याचिकाओं की सुनवाई करेगा, अगर यह पहले किया गया होता तो बेहतर होता।"
Published: 15 Mar 2024, 1:09 PM IST
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
Published: 15 Mar 2024, 1:09 PM IST
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Published: 15 Mar 2024, 1:09 PM IST