उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में फड़काऊ भाषण के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी। याचिका पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली ने दाखिल की है और मामले में स्वतंत्र जांच की मांग की है।
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एक दिन पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट हरिद्वार 'धर्म संसद' में हिंसा भड़काने वाले भाषण मामले की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ था। इस मामले को वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में उठाया था। उन्होंने अदालत को बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज हुई है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना ने मामले पर सुनवाई का आश्वासन दिया था।
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दरअसल उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद से विवाद खड़ो हो गया है। दरअसल, इस धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। आरोप है कि धर्म संसद में अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समुदाय के सफाये की बात की गई थी।वक्ता ने कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी।
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धर्म संसद में हेट स्पीच का वीडियो वायरल होने के बाद देश के पूर्व सेनाध्यक्षों समेत कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई की मांग की थी। भारतीय विदेश सेवा के 32 पूर्व अधिकारियों ने भी खुला पत्र लिखकर कहा था कि किसी भी तरह की हिंसा के आह्वान की निंदा करते समय धर्म, जाति, क्षेत्र या वैचारिक मूल का लिहाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार के खिलाफ सतत निंदा अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी निंदा सभी के लिए होनी चाहिए, न कि कुछ चुनिंदा लोगों के लिए।
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