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इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, चुनाव आयोग ने 11 मार्च के आदेश में की है बदलाव की मांग

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज चुनाव आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई होनी है जिसमें उसने कोर्ट के 11 मार्च के निर्देश में कुछ बदलाव की मांग की है।

Getty Images
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सुप्रीम कोर्ट आज चुनाव आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई करेगा जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में उसके 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन की अपील की गई है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि आदेश में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान सीलबंद लिफाफे में उसके द्वारा कोर्ट को सौंपे गए दस्तावेजों की प्रतियां चुनाव आयोग के कार्यालय में रखी जाएंगी। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी है।

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को निर्देश दिया था कि वह 12 मार्च को कामकाजी घंटों के अंत तक चुनाव आयोग को बॉण्ड के विवरण का खुलासा करे। चुनाव आयोग ने नयी अर्जी में कहा है कि शीर्ष अदालत ने 11 मार्च के अपने आदेश में कहा था कि ‘‘इस अदालत के सामने चुनाव आयोग द्वारा दाखिल विवरण की प्रतियां निर्वाचन आयोग के कार्यालय में रखी जाएंगी।’’

अर्जी में कहा गया, ‘‘न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में और उपरोक्त विवरण/डेटा की गोपनीयता बनाए रखने के लिए, निर्वाचन आयोग ने उसकी कोई भी प्रति अपने पास रखे बिना प्राप्त दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे/पेटियों में न्यायालय को भेज दिया।’’

अर्जी में कहा गया, ‘‘मामले में इस अदालत के समक्ष निर्वाचन आयोग द्वारा दाखिल किए गए दस्तावेजों की कोई भी प्रति उसके पास कभी नहीं रखी गई थी।’’

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अपने आवेदन में, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि 11 मार्च के आदेश के हिस्से को सुधारा या संशोधित किया जा सकता है और सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़, डेटा या जानकारी को उसे वापस किया जा सकता है ताकि चुनाव आयोग कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन कर सके।

आवेदन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 12 अप्रैल, 2019 और पिछले साल 2 नवंबर के आदेशों में दिए गए निर्देशों के अनुसार, चुनाव आयोग ने मांगी गई जानकारी/डेटा सीलबंद लिफाफे (106 सीलबंद लिफाफे) और सीलबंद बक्सों दोनों में पेश किया था। (क्रमशः 309 और 214 सीलबंद लिफाफे शामिल हैं)।

12 अप्रैल, 2019 को, सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी किया था जिसमें निर्देश दिया गया था कि राजनीतिक दलों को प्राप्त दान और प्राप्त होने वाले दान की जानकारी एक सीलबंद कवर में चुनाव आयोग को प्रस्तुत करनी होगी।

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मुख्य चुनाव आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के चयन के लिए एक समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर करने को चुनौती देने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) द्वारा दायर एक अलग याचिका पर भी शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शुक्रवार की कार्य सूची में नहीं दिखाया गया है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 मार्च को एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण से कहा था कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर करने की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की जाएगी।

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