बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाने का महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का फैसला क्या संविधान के मताबिक सही है? इसका फैसला आज सुप्रीम कोर्ट करने वाला है। राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों दलों की इस याचिका को न सिर्फ मंजूर कर लिया है, बल्कि मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार के दिन सुबह 11:30 बजे सुनवाई का भी ऐलान किया है।
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राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की तरफ से शनिवार रात सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि देवेंद्र फडणविस को रविवार को ही बहुमत साबित करने का आदेश दिया जाए। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ सुनवाई करेगी।
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इस बीच कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि हमारे 44 विधायक हमारे पास हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सभी मानदंडों और नियमों को दरकिनार किया है। बिना किसी सत्यापन के, उन्होंने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हम इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगे।
उन्होंने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में गैरकानूनी ढंग से बनी बीजेपी सरकार को बहुत जल्द ही रुसवाई के साथ हटना पड़ेगा। सुबह से चल रहे घटनाक्रम इसका संकेत देते हैं कि बीजेपी को राजनीतिक खरीद-फरोख्त के लिए जल्द ही बड़ा झटका लगेगा। उन्होंने सत्ता की लालसा में जिस राजनीतिक अनैतिकता का परिचय दिया है वो निंदनीय है। कांग्रेस इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे और उन्हें पद से हटना पड़ेगा।
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इस दौरान एनसीपी के विधायकों को मुंबई के रेनेसां होटल में ठहराया गया है। देर रात सारे विधायकों को होटल में पहुंचा दिया गया।
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