बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो गई है। वायु प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बड़ी बात कही है। कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन स्कीम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का उपाय नहीं हो सकता है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के लोग प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि दिल्लीवासी आखिर कैसे सांस लें?
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कोर्ट ने दिल्ली सरकार से आगे पूछा कि वायु प्रदूषण से दिल्ली बुरी तरह से प्रभावित है। दिल्ली के लगभग सभी इलाकों का एक्यूआई 600 तक पहुंच गई है। मैं पूछना चाहता हूं आपसे लोग सांस कैसे ले रहे हैं?
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जिस पर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए कहा, “ऑड-ईवन स्कीम की वजह से प्रदूषण में 5-15 प्रतिशत तक कमी आई है और यदि योजना के तहत कोई छूट नहीं दी जाती है तो परिणाम और बेहतर होंगे। दिल्ली में प्रदूषण का असली कारण पराली का जलना है। पिछले साल ऑड-ईवन स्कीम के प्रभाव पर कोई अध्ययन नहीं किया गया था।” बता दें कि दोपहिया वाहनों, वीवीआईपी गाड़ियों, अकेली महिला वाली गाड़ियों को इस ऑड-ईवन के नियम से छूट दी गई है।
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सरकार का पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि ऑड ईवन के दौरान प्रदूषण में 5 प्रतिशत का अंतर आया है। साथ ही रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि पराली जलाने की घटनाओं में फिलहाल काफी कमी आ गई है। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऑड ईवन की स्कीम से दुपहिया वाहनों को बाहर न रखा जाए तो मदद मिल सकती है। अगर दुपहिया वाहनों को इससे बाहर न रखा जाए तो दिल्ली के हालात में सुधार हो सकता है।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कार प्रदूषण स्तर में 3 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं और बाकी सभी वाहनों ने इसमें 28 प्रतिशत का योगदान दिया है।
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कोर्ट ने आगे कहा कि ऑड ईवन एक स्थायी समाधान नहीं है। खासकर उस समय जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि कार प्रदूषण स्तर का 3 प्रतिशत है। कचरा डंपिंग, निर्माण अपशिष्ट और सड़क की धूल भी प्रदूषण के स्तर बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में एयर प्यूरिफायर टावर लगाने के लिए रोडमैप बनाये।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हम प्रदूषण को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन प्रकृति हमारे नियंत्रण में नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यही होता है जब प्रकृति का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है।
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दूसरी ओर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अगले दो दिनों में हवा कुछ साफ होने के आसार हैं, ऐसे में वह जबरन दिल्लीवालों पर ऑड-ईवन थोपना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि अगर अगले दो-दिनों में स्थिति नहीं सुधरी को सोमवार को ऑड-ईवन पर फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को धुंध की मोटी चादर में लिपटी रही और लगातार चौथे दिन प्रदूषण का स्तर गंभीर की श्रेणी में रहा।
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