पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणियां की हैं। सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए। इस दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणियां कीं।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने इस मामले में सुझाव दिया था कि बिना शर्त के माफी मांगी जाए। अदालत ने स्वामी रामदेव का बिना शर्त माफी का हलफनामा मंजूर करने से इनकार कर दिया। जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि इन लोगों ने तीन-तीन बार हमारे आदेशों की अनदेखी की है। गलती की है तो इन्हें नतीजा भुगतना पड़ेगा।
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जस्टिस अमानुल्लाह ने सख्त लहजे में कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसे किसने तैयार किया? मुझे आश्चर्य है। वहीं जस्टिस कोहली ने कहा कि आपको ऐसा हलफनामा नहीं देना चाहिए था। कोर्ट की इस टिप्पणी पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमसे चूक हुई है। अदालत ने कहा कि चूक! बहुत छोटा शब्द। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने कहा कि हम इस पर फैसला करेंगे। हम इसे जानबूझ कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे हैं।
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश के बाद भी? हम इस मामले में इतना उदार नहीं होना चाहते। हम हलफनामे को ठुकरा रहे हैं यह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है। हम अंधे नहीं हैं! हमें सब दिखता है। इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोगों से गलतियां होती हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, फिर गलतियां करने वालों को भुगतना भी पड़ता है और तकलीफ भी उठानी पड़ती है।
इससे पहले दो अप्रैल को हुई सुनवाई में पतंजलि की तरफ से अदालत में माफीनामा जमा कराया गया था।
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