मुजफ्फरपुर के बालिका गृह यौन शोषण मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि पिछले कई सालों से बिहार सरकार इस एनजीओ को फंड देती रही, लेकिन उसे ये नहीं पता कि ये फंड वो क्यों दे रही है? फंड जारी करने से पहले सरकार को इसके बारे में जांच करनी चाहिए थी। इस मामले के सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को इसका स्वत: संज्ञान लिया था।
उधर राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है।
Published: 07 Aug 2018, 2:34 PM IST
कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने कहा कि वह वक्त-वक्त पर सोशल ऑडिट करती है, कुछ बुरे अफसर भी होते हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने घटना की जांच में विलंब पर भी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने मामले की जांच रिपोर्ट भी मांगी। कोर्ट ने सवाल किया कि अभी तक अधिकारी क्या कर रहे थे और किसी बड़े अधिकरी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के आरोपियों में से एक की पत्नी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। महिला पर कुछ नाबालिग पीड़िताओं की पहचान और नाम सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर मौजूद अपने एकाउंट पर उजागर करने का आरोप है।
Published: 07 Aug 2018, 2:34 PM IST
इसके पहले जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने राज्य और केंद्र सरकारों से तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा था। कोर्ट ने पीड़ित लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो दिखाने पर भी आपत्ति जताई थी। इस मामले पर आज सुनवाई हुई।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह की 34 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है, जिसके बाद ये मामला देशभर में चर्चा का विषय बना है। बालिका गृह के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके एनजीओ के फंड से लेकर ठाकुर के राजनीतिक रिश्तों की भी जांच की जा रही है। आरोप है कि ब्रजेश ठाकुर के राज्य के नेताओं और रसूखदार लोगों के संपर्क हैं।
Published: 07 Aug 2018, 2:34 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 07 Aug 2018, 2:34 PM IST