सुप्रीम कोर्ट ने केरल की हादिया और शफीन जहां की शादी को वैध करार देते हुए केरल हाईकोर्ट के पूर्व के फैसले को अमान्य घोषित कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए से कहा है कि अगर उसके पास मानव तस्करी से संबंधित कोई सबूत हैं, तो वह इस मामले में जांच को जारी रख सकती है। ये आदेश चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली बेंच ने दिया है।
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इस मामले पर एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है। केवल दो लोगों से पूछताछ नहीं हुई है, क्योंकि अभी वे विदेश में हैं। एनाईए ने ये भी कहा कि केरल में लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाने का तंत्र सक्रिय है। जिसके बाद कोर्ट ने एनआईए से कहा कि वो किसी भी विषय में जांच कर सकती है, लेकिन साथ ही पूछा कि किसी दो वयस्क की शादी को लेकर कैसे जांच कर सकती है?
हिंदू महिला अखिला ने अपना धर्म परिवर्तन कर शफीन जहां से शादी कर ली थी और अपना नाम हादिया रख लिया था। इस शादी को लेकर अखिला के पिता का कहना है कि उनकी बेटी को बहका दिया गया है और वह जिहाद के लिए सीरिया जाना चाहती है। जिसके बाद केरल हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए अखिला उर्फ हादिया की शादी रद्द कर दी थी और उसे उसके पिता के हवाले कर दिया था।
जिसके खिलाफ हादिया के पति शफीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उसकी पत्नी हदिया को उसके हवाले किया जाए।
सुनवाई के दौरान शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल ने शादी रद्द करने के केरल हाईकोर्ट के फैसले को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि किसी को भी अपनी पसंद से चुनना किसी भी नागरिक का मौलिक अधिकार है।
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