सुप्रीम कोर्ट ने हाल में गुजरात के निजी कोविड अस्पतालों में आग की घटनाओं के संबंध में 'तथ्यों को दबाने के प्रयासों' पर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाया है। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने राजकोट के एक निजी कोविड अस्पताल में आग की घटना का संज्ञान लिया था, जिसमें कारण पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
Published: undefined
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार के वकील से कहा, "हमने आपका जवाब सुना है। आपके अनुसार सब कुछ अच्छा है। अभी तक राज्य के अस्पताल में सबकुछ ठीक है।" वहीं, जस्टिस शाह ने गुजरात सरकार की खिंचाई करते हुए कहा, "जहां तक आयोग (आग की घटना की जांच करने के लिए) का सवाल है, वह भी समाप्त हो गया है और अस्पताल में वायरिंग की स्थिति के संबंध में साथ ही राज्य सरकार का स्टैंड आपके स्वयं के मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग अधिकारी के स्टैंड के विपरीत है।"
Published: undefined
मामले में पीठ ने अहमदाबाद में आग की घटना का उदाहरण दिया, जहां एक कोविड अस्पताल में आग लगने के चलते आठ लोगों की मौत हो गई थी। अदालत ने कहा कि तथ्यों को दबाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मामले को देखने और इस बाबत एक उचित रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार के लिए तय कर दी।
Published: undefined
बता दें कि पिछली सुनवाई में 27 नवंबर को शीर्ष अदालत ने राजकोट के एक निजी कोविड अस्पताल में आग की घटना का संज्ञान लिया था, जिसके कारण पांच लोगों की मौत हो गई थी।शीर्ष अदालत ने इस बाबत 1 दिसंबर तक केंद्र और गुजरात से जवाब मांगा था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined