बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बिहार के भागलपुर जेल से पंजाब के पटियाला स्थित हाई सिक्यूरिटी जेल में भेजने का आदेश दिया है। ब्रजेश ठाकुर अभी भागलपुर केंद्रीय कारा में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा था कि ब्रजेश ठाकुर प्रभावशाली व्यक्ति है और बिहार के जेल में रहते हुए केस की जांच को प्रभावित कर सकता है।
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इससे पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर के पास जेल में मोबाइल फोन बरामद हुआ था। वह प्रभावशाली व्यक्ति है, मामले की जांच प्रभावित कर सकता है तो ऐसे में उसे बिहार की जेल में रखना ठीक नहीं होगा।
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि अभी तक बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह (बिहार की मंत्री मंजू वर्मा) मंत्री हैं, वह कानून से ऊपर नहीं हो जातीं। पूरा मामला बेहद संदिग्ध है। किसी को भी कानून की परवाह नहीं है।
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सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर से अब तक केस की जांच करते रहे सीबीआई अधिकारियों की सूची 31 अक्टूबर तक दाखिल करने का आदेश दिया है।
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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट उस समय स्तब्ध रह गया, जब कोर्ट में वकील ने जानकारी दी कि शेल्टर होम में बच्चियों को ड्रग्स दिए जाते थे। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी में कहा, “लड़कियों को इंजेक्शन से ड्रग्स दी जा रही थीं, ताकि उनके साथ रेप किया जा सके। यह क्या हो रहा है?”
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बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ रेप का खुलासा होने के बाद ही राजनीतिक बहस तेज हो गई थी। इस कांड का खुलासा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में हुआ। जब सरकार पर विपक्षी पार्टियों और लोगों का दबाव बढ़ा तो इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई। अभी हाल ही में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह से 15 साल की बच्ची का भी कंकाल मिला था।
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