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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के सभी 6 दोषियों को रिहा करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबे समय से राज्यपाल दोषियों को रिहा करने पर फैसला नहीं ले रहे थे। अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषी करार दिए गए पेरारिवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा।

सुप्रीम कोर्ट/ फोटो: Getty Images
सुप्रीम कोर्ट/ फोटो: Getty Images 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेल में बंद सभी 6 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि अगर इन दोषियों पर कोई अन्य मामला नहीं है, तो इन्हें रिहा कर दिया जाए।

Published: 11 Nov 2022, 1:58 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबे समय से राज्यपाल दोषियों को रिहा करने पर फैसला नहीं ले रहे थे। अदालत ने कहा कि इस मामले में दोषी करार दिए गए पेरारिवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले इसी साल मई के महीने में पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था।

Published: 11 Nov 2022, 1:58 PM IST

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि यह फैसला अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है।

Published: 11 Nov 2022, 1:58 PM IST

21 मई 1991 को किया हुआ था?

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हुई थी। एक आत्मघाती हमले में उनकी जान चली गई थी। वे वहां पर एक चुनावी रैली को संबोधित करने गए थे। 21 मई 1991 को रात तकरीबन 10 बजकर 15 मिनट पर राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुंचे थे। वे कार की अगली सीट पर बैठे थे और उन्होंने उतरते ही सबका अभिवादन किया। मंच की ओर बढ़ते हुए एक महिला आत्मघाती हमलावर धनु ने उन्हें माला पहनानी चाही, तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया। हालांकि राजीव गांधी के कहने पर उसे माला पहनाने के लिए आने दिया गया। धनु ने उन्हें माला पहनाई और जैसे ही वह राजीव गांधी के पैर छूने के लिए नीचे झुकी, उसने अपने कमर से बंधे बम का बटन दबा दिया। एक जोरदार धमाका हुआ और फिर सबकुछ सुन्न हो गया। इस धमाके ने राजीव गांधी की जान ले ली।

इस मामले में पेरारिवलन समेत 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था। टाडा अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका के निपटारे में देरी के आधार पर फांसी की सजा उम्रकैद में बदल दी थी।

Published: 11 Nov 2022, 1:58 PM IST

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Published: 11 Nov 2022, 1:58 PM IST

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