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ईवीएम-वीवीपैट पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम चाहते हैं मशीन और पर्ची की मैचिंग की संख्या बढ़े, आयोग से मांगा जवाब

ईवीएम को लेकर 21 विपक्षी पार्टियों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 28 मार्च तक हलफनामा देने को कहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा क्या वह मौजूदा समय में हर विधानसभा क्षेत्र में किए जाने वाले वीवीपैट के सैंपल सर्वेक्षण की संख्या को बढ़ाकर एक से ज्यादा कर सकता है।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  

50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान को लेकर 21 विपक्षी नेताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। विपक्षी दलों ने याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से 28 मार्च तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि हम चाहते हैं कि मशीन और पर्ची की मिलान की संख्या बढ़ाई जाय, एक से दो भले होते हैं। वहीं विपक्षी दलों की मांग है कि एक से अधिक वीवीपैट के सैंपल सर्वे लिए जाएं। बता दें कि फिलहाल एक विधानसभा क्षेत्र से एक वीवीपैट की पर्चियों की 50 फीसदी पर्चियों की गणना की जाती है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को अगले सोमवार को होगी।

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सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने याचिका का विरोध किया है। चुनाव आयोग ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था पर्याप्त है। अभी हर विधानसभा क्षेत्र के एक पोलिंग बूथ पर वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान किया जाता है। इसलिए ऐसा करने की जरूरत नहीं है।

सुनवाई के दौरान आयोग ने दलील देते हुए कहा कि अगर ईवीएम मशीन से वीवीपैट का मिलान होगा तो इससे समय और संसाधन की बर्बादी होगी। इसके बाद कोर्ट ने आयोग से गुरुवार तक हलफनामा दाखिल करने को कहा कि इस संख्‍या को कैसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने चुनाव आयोग से शपथपत्र मांगा कि क्यों ना मिलान की संख्या बढ़ाई जाए। कोर्ट अब इस मामले में सोमवार (एक अप्रैल) को सुनवाई करेगा जबकि आयोग ने गुरुवार (28 मार्च) तक शपथ पत्र दायर करने को कहा है।

याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, एनसीपी के शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, आरजेडी के मनोज झा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ. ब्रायन, बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के एमके स्टालिन, सीपीएम के टीके रंगराजन, सीपीआई के एसएस रेड्डी, जेडीएस के दानिश अली, आरएलडी के अजीत सिंह और कई दूसरे दलों के नेता शामिल हैं।

विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि हमें ईवीएम की प्रमाणिकता पर संदेह है, जो चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता पर भी संशय पैदा करता है। ऐसे में आयोग यह अनिवार्य करे कि 50 फीसदी ईवीएम मतों का मिलान वीवीपैट पर्चियों से किया जाए। इसे लेकर 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा था।

इससे पहले एक फरवरी को ईवीएम के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने दिल्ली के कॉन्सटीट्यूशन क्लब में बैठक की थी। विपक्ष की साझा बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, “देश का ईवीएम में विश्वास नहीं है, हमारी इसको लेकर शंकाएं हैं। लोगों के दिमाग में ईवीएम को लेकर शक है।”

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