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पत्रकार की गिरफ्तारी पर योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, हाथरस जाते समय यूपी पुलिस ने पकड़ा था

हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले को कवर करने जाते समय यूपी पुलिस द्वारा अक्टूबर में हिरासत में लिए गए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले को कवर करने जाते समय केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी।

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केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को अक्टूबर के पहले सप्ताह में मथुरा पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह हाथरस गैंगरेप और हत्या की घटना को कवर करने के लिए पीड़िता के गांव जा रहे थे। पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर आज सुनवाई हुई।

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चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष यूनियन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पत्रकार के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए कहा कि प्राथमिकी में सिद्दिकी के खिलाफ कोई अपराध नहीं है और वह 5 अक्तूबर से जेल में है। इस पर पीठ ने कहा कि वह पहले राज्य की सुनवाई करना चाहती है और साथ ही संकेत दिया कि वह मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भेजने का निर्देश दे सकती है।

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सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि आपने मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया? इस पर सिब्बल ने कहा कि यह हिरासत में लिए गए पत्रकार का मामला था और इसी तरह की याचिकाओं को पहले भी यहां देखा गया है।

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बता दें कि हाथरस जाते समय हिरासत में लिए गए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार करते हुए आरोपित किया गया है। याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का दावा करते हुए कप्पन की नजरबंदी को चुनौती दी है। केयूडब्ल्यूजे द्वारा वकील श्वेता गर्ग के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि गिरफ्तारी कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल के डीके बसु बनाम राज्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।

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