सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सहायक बिभव कुमार को सोमवार को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि ट्रायल कोर्ट को सबसे पहले महत्वपूर्ण और कमजोर गवाहों की जांच तीन महीने के भीतर पूरी करने का प्रयास करना चाहिए।
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हालांकि, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने निर्देश दिया कि बिभव कुमार को केजरीवाल के निजी सहायक के रूप में बहाल नहीं किया जाएगा और न ही मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई आधिकारिक कार्यभार दिया जाएगा। न्यायालय ने सभी गवाहों की जांच होने तक कुमार को मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने से भी रोक दिया है।
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बिभव कुमार ने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया था। बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके दो दिन बाद कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
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इससे पहले उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि आरोपी "काफी प्रभावशाली" है और उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं बनता है। उसने कहा था कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत दी जाती है,तो गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
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