सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रशांत भूषण को मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायपालिका की आलोचना करने वाले उनके ट्वीट के लिए कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया है। यह आदेश न्यायाधीश अरुण मिश्रा, बी.आर. गवई, और कृष्ण मुरारी द्वारा पास किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अभी सजा पर फैसला सुनाया जाना बाकी है, जिस पर बहस 20 अगस्त को अगली सुनवाई में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को प्रशांत भूषण को ट्विटर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने के आरोप में नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से इस मामले की निगरानी करने के लिए भी कहा था। कोर्ट ने प्रशांत भूषण और ट्विटर को 5 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा था।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "हम सबसे पहले यह देखते हैं कि ट्विटर पर पूर्व में की गई टिप्पणियों ने न्याय प्रशासन का अपमान किया है और सामान्य रूप से एक संस्थान के तौर पर सर्वोच्च न्यायालय और भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय की गरिमा को बड़े पैमाने पर जनता की नजर में कम करने वाला है।"
सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून को एक ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भूषण के खिलाफ मुकदमा चलाने और अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। वहीं 29 जून को एक अन्य ट्वीट में प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट के 'वर्तमान मुख्य न्यायाधीश' खुद 'बाइक की सवारी' की, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लॉकडाउन का बहाना कर नागरिकों को न्याय के लिए उनके अधिकार से वंचित कर दिया गया।
Published: 14 Aug 2020, 4:24 PM IST
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Published: 14 Aug 2020, 4:24 PM IST