सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने चार हाईकोर्ट मणिपुर, कर्नाटक, बॉम्बे और गुजरात HC के लिए जजों के नाम की सिफारिश की है। ये सिफारिश 10 जनवरी यानी मंगलवार को हुई बैठक में की गई। इस लिस्ट में पुराने नाम भी शामिल हैं, जिनकी दोबारा सिफारिश की गई है। इसमें मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित की वकील रह चुकीं नीला गोखले का भी नाम शामिल है। इसके अलावा कॉलेजियम ने जज बनाने के लिए वकील नागेंद्र रामचंद्र नाइक का नाम तीसरी बार सरकार को भेजा है।
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आपको बता दें, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अधिवक्ता नागेंद्र रामचंद्र नाइक को नियुक्त करने के अपने फैसले को तीसरी बार दोहराया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जिन नामों की सिफारिश जज नियुक्त करने के तौर पर की है उनमें मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित की वकील रह चुकीं सीनियर एडवोकेट नीला गोखले को बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए नामित किया गया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 10 जनवरी 2023 को आयोजित अपनी बैठक में नीला गोखले के पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए आठ अन्य नामों की भी सिफारिश की है। राम चंद्र दत्तात्रेय हुड्डार और वेंकटेश नाईक थावर्य नाइक को कर्नाटक हाईकोर्ट, न्यायिक अधिकारी मृदुल कुमार कलिता को गुजरात हाईकोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। वहीं, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में श्रीमती पी वेंकट ज्योतिर्मयी और वी गोपाल कृष्ण राव, अरिबम गुणेश्वर शर्मा और सुश्री गोलमई गैफुलसिल्लू काबुई को मणिपुर हाई कोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश की गई है।
आपको बता दें, इन सिफारिशों को अब केंद्र का कानून और न्याय मंत्रालय अंतिम रूप देगा। बता दें, उच्च न्यायालय में वर्तमान में 94 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति के विपरीत 65 न्यायाधीश हैं।
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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नागेंद्र रामचंद्र नाइक के साथ सरकार ने 28 नवंबर 2022 को कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित 19 नामों को वापस कर दिया था। आपको बता दें, नाइक का नाम पहली बार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 3 अक्टूबर, 2019 को सिफारिश किया था। कॉलेजियम ने 2 मार्च, 2021 और 1 सितंबर, 2021 को भी अपने फैसले को दोहराया था।
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