पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर मोदी सरकार से कई सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर सभी लोग पटाखों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं लेकिन हमें नहीं लगता कि सबसे ज्यादा प्रदूषण पटाखों के कारण हो रहा है। पटाखों से ज्यादा प्रदूषण तो गाड़ियों से निकल रहा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 3 अप्रैल की तय की गई है।
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कोर्ट ने मोदी सरकार से पटाखों और ऑटोमोबाइल्स से होने वाले प्रदूषण पर एक तुलनात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट देने को कहा है। इस दौरान कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से सवाल किए कि- पटाखों की फैक्ट्री में काम करने वाले बेरोजगार लोगों के अधिकारों का क्या? हम उन्हें भूखा नहीं छोड़ सकते। हम नहीं चाहते कि बेरोजगारी बढ़े। अगर व्यवसाय कानूनी है और विधिवत लाइसेंस है तो आप इसे कैसे रोक सकते हैं?”
बता दें कि पिछले साल दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाने से इनकार करते हुए कुछ प्रतिबंध लगाए थे। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पटाखों को केवल लाइसेंस पाए ट्रेडर्स ही बेच सकते हैं। वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
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