सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की प्राथमिकी के खिलाफ ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की याचिका को मंजूर करते हुए शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। जुबैर ने प्राथमिकी रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश चुनौती दी है। पीठ ने मामले को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।
Published: undefined
जुबैर का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने इस मामले का उल्लेख अवकाशकालीन पीठ के समक्ष किया, जिसमें न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी शामिल हैं। उन्होंने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि प्राथमिकी को देखने से पता चलता है कि कोई अपराध नहीं है और उनके मुवक्किल को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वे इलाहाबाद हाईकोर्ट गए, लेकिन कोई राहत नहीं दी गई और अदालत ने कहा कि यह समय से पहले है।
Published: undefined
कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा, "आपातकाल स्थिति पर जमानत मांगी गई है। इंटरनेट पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। हो सके तो आज दोपहर 2 बजे सूचीबद्ध करें।" पीठ ने मामले को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई और इसे शुक्रवार के लिए पोस्ट कर दिया।
इससे पहले सोमवार को जुबैर को उत्तर प्रदेश के सीतापुर की एक अदालत में एक ट्वीट के लिए दर्ज एक मामले में पेश किया गया था, जिसमें कथित तौर पर यति नरसिंहानंद सरस्वती और दो अन्य धार्मिक नेताओं को 'घृणा फैलाने वाले' के रूप में संदर्भित किया गया था। तीन जून को उनके खिलाफ खैराबाद थाने में हिंदू लायन आर्मी के जिलाध्यक्ष भगवान शरण की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।
Published: undefined
दिल्ली की एक अदालत ने 2 जुलाई को एक हिंदू देवता के खिलाफ कथित रूप से पोस्ट किए गए एक 'आपत्तिजनक ट्वीट' के संबंध में जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी और दिल्ली पुलिस द्वारा मांगी गई उनकी 14 दिन की हिरासत को मंजूरी दे दी। उसे अगली 16 जुलाई को अदालत में पेश किया जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले कथित आपत्तिजनक ट्वीट के सिलसिले में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली जुबैर की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined