उत्तर प्रदेश के बागपत में एक मुसलमान सब-इंस्पेक्टर को बिना परमीशन दाढ़ी रखने पर अनुशासनहीनता के लिए निलंबित कर दिया गया था। जिस पर काफी विवाद हो रहा था और लोगों ने इसे निजी स्वतंत्रता पर आघात करार दिया था। इंस्पेक्टर इंतेसार अली को सस्पेंड करने वाले पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह का कहना था कि उन्होंने ये कार्रवाई क़ानून के दायरे में रहकर की है। जबकि सब-इंस्पेक्टर इंतेसार अली का कहना था कि उन्होंने पिछले साल नवबंर में ही दाढ़ी रखने के लिए इजाज़त मांगी थी जो उन्हें नहीं मिली। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था कि ज़रूरत पड़ने पर वो अदालत भी जाएंगे।
लेकिन शनिवानर को उनकी एक तस्वीर सामने आई जिसमें वे क्लीन शेव होकर एसपी को सैल्यूच कर रहे हैं। साथ ही खबर आई कि उनका सस्पेंशन भी वापस ले लिया गया है।
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सब-इंस्पेक्टर इंतेसार अली को दाढ़ी रखने पर निलंबित किए जाने की कार्रवाई पर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए यूपी पुलिस पर धर्म से प्रेरित होकर पक्षपात करने के आरोप लगाया था। लेकिन एसपी अभिषेक सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुे कहा था कि इस तरह के सभी आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा था कि, "यूपी पुलिस एक अनुशासित फ़ोर्स है, बाग़पत ज़िले में पुलिस फ़ोर्स के कमांडिंग ऑफ़िसर के तौर पर अनुशासन का पालन कराना मेरी ज़िम्मेदारी है, सब-इंस्पेक्टर को दाढ़ी काटने के लिए नोटिस दिया गया था। उन्होंने नोटिस को नज़रअंदाज़ किया जिसके बाद ये कार्रवाई की गई।"
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