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सीबीएसई 12वीं की परीक्षा तय न होने से तनावग्रस्त छात्र ले रहे काउंसलिंग,कहा- कोरोना से चीजें काफी अनिश्चित हुई

12वीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र की परिजन अंकिता ने कहा कि पिछले साल दिसंबर की तुलना में इस बार कोरोना महामारी के साथ चीजें काफी अनिश्चित हो गई हैं।

फोटो: IANS
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सीबीएसई बोर्ड के 12वीं कक्षा के छात्रों को मनोवैज्ञानिकों और काउंसलरों का दौरा करना पड़ रहा है, क्योंकि अभी तक परीक्षा की तारीख, परीक्षा पैटर्न और प्रैक्टिकल परीक्षा को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।

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12वीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र की परिजन अंकिता ने कहा कि पिछले साल दिसंबर की तुलना में इस बार कोरोना महामारी के साथ चीजें काफी अनिश्चित हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकांश समय छात्र व्हाट्सएप से जुड़े होते हैं, क्योंकि कोचिंग और अन्य अपडेट के लिए उन्हें वहां सभी लिंक मिल जाते हैं। जिस क्षण वे यह नहीं कर पाते, वे अपनी कक्षा नहीं ले पाते, जो उनके लिए बहुत बड़ा नुकसान है। अंकिता ने कहा, आखिरकार वे अपना सारा समय मोबाइल पर बिता रहे हैं, व्हाट्सएप अपडेट की जांच कर रहे हैं, कक्षाओं में भाग ले रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब इससे छात्रों को कुछ फुर्सत मिलती है, तब वह वेब सीरीज देख रहे होते हैं।

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जयपुर की मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक डॉ. अनामिका पापारीवाल ने कहा, ऐसे कई छात्र हैं, जो काउंसलिंग के लिए हमारे पास आते हैं और वे लॉकडाउन के बाद से व्यथित हैं। पिछले 10 महीनों से वे न तो दोस्तों से मिल पा रहे हैं और न ही शिक्षकों से अपनी शंकाओं को स्पष्ट करने के लिए मिल पा रहे हैं। वह बताती हैं कि परीक्षा की तारीखों, प्रश्नपत्रों के पैटर्न और प्रैक्टिकल के बारे में अनिश्चितता उनकी परेशानी में इजाफा कर रही है, जो उनके लिए तनाव जैसी स्थिति पैदा कर रही है।

उन्होंने कहा कि कई छात्र अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं और हार मानते हुए कहते हैं, अब जो भी होगा, देखा जाएगा, 'जो उनके माता-पिता को समान रूप से चिंतित कर रहा है और वे भी काउंसलिंग सत्र के लिए आ रहे हैं।

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12वीं कक्षा में गणित के विद्यार्थी अंकित ने कहा, हमारी कक्षा बारहवीं की परीक्षा की स्थिति स्पष्ट नहीं है, जबकि कई इंजीनियरिंग संस्थानों ने अगले सत्र के लिए अपने प्रवेश पत्र पहले ही जारी कर दिए हैं।

छात्र ने परीक्षा को लेकर अस्पष्टता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सीबीएसई ने 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम को कम कर दिया है, उनके लिए महत्वपूर्ण था और एक स्कोरिंग हिस्सा था। अंकित ने कहा, अब, जब हमने किसी भी कक्षा में भाग नहीं लिया है तो एक पूर्ण सत्र में हम किस तरह से प्रैक्टिकल में भाग लेंगे और बोर्ड परीक्षा देंगे। इसके बाद वर्तमान परिस्थितियों में प्रतिस्पर्धी और अन्य प्रवेश परीक्षाओं को पास करना भी एक चुनौती है।

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डॉ. अनामिका कहती हैं, हम यहां आने वाले छात्रों की काउंसलिंग कर रहे हैं और उन्हें बता रहे हैं कि हर कोई मौजूदा चुनौतियों का हल ढूंढने की कोशिश कर रहा है। इसलिए वे भी लंबे समय में विजेता बनकर उभरेंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 10 दिसंबर को एक लाइव इंटरेक्टिव सत्र में छात्रों को आश्वासन दिया कि वे जल्द ही स्कूल लौटेंगे, क्योंकि देश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार हो रहा है। वर्तमान में 17 राज्यों ने स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। पोखरियाल अब 22 दिसंबर को शिक्षकों के साथ लाइव जुड़ेंगे।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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