मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के रेल रोको आंदोलन का आज पंजाब और हरियाणा में व्यापक असर हुआ। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों के आह्वान पर किसानों ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा में ज्यादातर जगहों पर रेलवे लाइनों को अवरुद्ध कर दिया। हालांकि, इस दौरान आने-जाने वाले यात्रियों को थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
Published: 18 Feb 2021, 8:47 PM IST
तकरीबन चार घंटे से ज्यादा समय तक रेल यातायत रोकने के बाद प्रदर्शन शांतिपूर्वक समाप्त हो गया। इससे पहले राष्ट्रीय ध्वज को अपने संगठनों के झंडे के साथ लहराते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने 12 बजे तक रेलवे लाइनों पर इकट्ठा होना शुरू कर दिया और उसके बाद वे पटरियों पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे।
Published: 18 Feb 2021, 8:47 PM IST
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने के नारे लगाए। इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। रेल रोको आंदोलन में शामिल महिलाओं ने भी प्रदर्शन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इन महिलाओं का कहना था कि ये मुद्दा केवल घर के मर्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि सीधे उनके घर परिवार से जुड़ा है।
Published: 18 Feb 2021, 8:47 PM IST
इस दौरान किसानों की बड़ी तादाद को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हरियाणा और पंजाब में सरकार की ओर से भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हालांकि इस दौरान कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना सामने नहीं आई। आंदोलन पूरी तरह से अनुशासित रहा और कहीं कोई टकराव नहीं देखने को मिला। तकरीबन चार घंटे से ज्यादा समय तक ट्रेनों की रफ्तार रोकने के बाद प्रदर्शनकारी शाम में खुद ही पटरियों से हट गए। कई विरोध स्थलों पर, 'लंगर' या सामुदायिक रसोई आयोजित करने की विशेष व्यवस्था की गई थी।
Published: 18 Feb 2021, 8:47 PM IST
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Published: 18 Feb 2021, 8:47 PM IST