समाजवादी पार्टी ने खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी को चुनाव लड़ने के लिए टिकट की पेशकश की है। खुशी दुबे बहुचर्चित बिकरू कांड में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी अमर दुबे की विधवा है और फिलहाल जेल में बंद है। खुशी दुबे की मां गायत्री देवी ने भी कहा है कि अगर इससे उन्हें अपनी बेटी को जेल से बाहर निकालने में मदद मिलती है, तो वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
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बिकरू कांड में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी अमर दुबे की सास गायत्री तिवारी से सोमवार को समाजवादी पार्टी के मेजर आशीष चतुर्वेदी ने संपर्क किया और उन्हें कानपुर में गोविंद नगर से टिकट की पेशकश की। गायत्री तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर इससे उन्हें अपनी बेटी को जेल से बाहर निकालने में मदद मिलती है, तो वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
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गायत्री तिवारी ने कहा, "मैंने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए डेढ़ साल तक संघर्ष किया, लेकिन असफल रही। उसकी शादी को केवल तीन दिन हुए थे, जब बिकरू नरसंहार हुआ था और पुलिस ने उसे नाबालिग होने के बावजूद गिरफ्तार कर लिया था।" उन्होंने कहा कि उन्हें अखिलेश यादव के नेतृत्व पर भरोसा है और पार्टी ने उनसे वादा किया था कि खुशी को उनकी सरकार बनने के एक महीने के भीतर रिहा कर दिया जाएगा।
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दरअसल अमर दुबे शादी के सात दिन बाद ही बिकरू कांड में एनकाउंटर में मारा गया था। उसके बाद खुशी दुबे की गिरफ्तारी और लगातार जेल में बंद होने से राज्य के ब्राह्मणों में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के खिलाफ गुस्सा देखा गया। समुदाय को लगता है कि घटना के समय नाबालिग लड़की को गलत तरीके से फंसाया गया है।
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ऐसे में गायत्री तिवारी को समाजवादी पार्टी की तरफ से टिकट की पेशकश ब्राह्मणों की सहानुभूति हासिल करने की दिशा में एक कदम के तौर पर माना जा रहा है। पार्टी पहले ही लखनऊ के पास भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित कर चुकी है और बड़े पैमाने पर ब्राह्मणों को लुभा रही है।
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