आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मैंने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस गठबंधन वाले राज्यों के मंत्रियों के साथ कोविड-19 की समस्या पर विस्तार से बातचीत की है। इस बातचीत से कुछ बिंदु सामने आए हैं, जो मैं आपके साथ साझा कर रही हूं, उम्मीद है कि आप इन पर विचार करेंगे और सहयोग करते हुए कार्यवाही भी करेंगे। कुछ बिंदु हैं:
कोरोना से निपटने के लिए वेक्सीन ही हमारी एकमात्र उम्मीद है। लेकिन दुख की बात है कि ज्यादातर राज्यों के पास वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो रहा है, जो अधिक से अधिक 3-5 दिन तक चल सकता है। एक तरफ जहां हमें वैक्सीन की उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है वहीं हमें उन वैक्सीन निर्माताओं को भी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे सकते हैं, जिन्होंने इस बारे में जरूरी क्लियरेंस हासिल कर लिए हैं। और जब पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन हमारे पास होगी तो वैक्सीन के लिए सिर्फ उम्र को आधार बनाने के बजाए हमें इस आधार पर वैक्सीन देना चाहिए कि किसे सबसे पहले जरूरत है। इसी तरह राज्यों को वैक्सीन का आवंटन वहां पाए गए संक्रमित लोगों की संख्या के आधार पर होना चाहिए।
कोविड संकट से निपटने के लिए जरूरी सभी तरह के उपकरण, साधन, दवाइयां और अन्य सामान को पूरी तरह जीएसटी से छूट मिलनी चाहिए। वर्तमान में वेंटिलेटर, ऑक्सीमीटर जैसे उपकरण और ऑक्सीजन सिलेंडर पर जीएसटी लगता है, वहीं रेमडिसिवीर और डेक्सामेथाजोन जैसी जीवनरक्षक दवाओं पर भी जीएसटी वसूला जाता है।
कोरोना को रोकने के लिए हम एक बार फिर कर्फ्यू, यात्रा प्रतिबंध और आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठा रहे हैं इससे हमारी अर्थव्यवस्था बेहद प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है। खासतौर से इसका असर गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों जैसे लोगों पर पड़ेगा। मेरा आपसे विनम्र आग्रह है कि इस समय न्यूनतम इनकम गारंटी वाली स्कीम लागू की जाए और जो भी पात्र लोग हैं उनके खाते में 6000 रुपए डाले जाएं। इसी प्रकार मजदूरों का रिवर्स पलायन एक बार शुरु हो चुका है तो हमें उनकी सुरक्षित यात्रा व्यवस्था के बारे में विचार करना चाहिए साथ ही उनके लिए पुनर्वास की व्यवस्था के बारे में भी सोचना चाहिए।
शुभकामनाओं सहित
सोनिया गांधी
अध्यक्ष, कांग्रेस संसदीय दल
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