सोनभद्र में मारे गए लोगों के परिवार वालों से मिलने निकलीं प्रियंका गांधी के काफिले को प्रशासन ने बीच में ही रोक लिया और उन्हें हिरासत में ले लिया। इससे पहले प्रियंका गांधी ने घायलों को देखने के लिए वाराणसी पहुंचीं। घायलों से मिली और उनका हाल चाल जाना। बता दें कि बुधवार को सोनभद्र के मूर्तिया गांव में जमीन विवाद को लेकर 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसमें 25 लोग घायल भी हो गए थे
Published: 19 Jul 2019, 1:42 PM IST
इसके बाद सोनभद्र में हुए नरसंहार में मारे गए परिजनों से मिलने के लिए प्रियंका गांधी रवाना हुई, लेकिन उनका काफिला जैसे ही आगे बढ़ा तो उनके काफिले को यूपी पुलिस द्वारा मिर्जापुर-वाराणसी सीमा के पास स्थित नारायणपुर गांव के पास रोक दिया गया। इससे नाराज प्रियंका गांधी समर्थकों के साथ नारायणपुर में धरने पर बैठ गई हैं। धरने पर बैठी प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने के लिए जाना चाहती थी। मैंने यहां तक कह दिया था कि मेरे साथ केवल 4 लोग ही जाएंगे। हमें अभी भी प्रशासन जाने नहीं दे रहा है। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
Published: 19 Jul 2019, 1:42 PM IST
प्रशासन द्वारा रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने कहा कि मुझे पीडि़तों से मिलने से रोका जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार चाहे कुछ भी कर ले, हम नहीं झुकेंगे।
Published: 19 Jul 2019, 1:42 PM IST
वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “यूपी के सोनभद्र में प्रियंका की अवैध गिरफ्तारी परेशान करने वाली है। 10 लोगों की गोली मारकर इसलिए हत्या कर दी गई, क्योंकि वे अपनी जमीन छोड़ना नहीं चाहते थे। पीड़ितों के परिजनों से मिलने से प्रियंका गांधी को सत्ता द्वारा रोका जाना बीजेपी सरकार की असुरक्षा को दर्शाता है।”
Published: 19 Jul 2019, 1:42 PM IST
इससे पहले यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों ने विधानसभा के अंदर जमकर हंगामा किया है। समाजवादी पार्टी समेत अन्य दलों के नेता सदन के अंदर खड़े हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के आसन तक पहुंच गए। हंगामे के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस जघन्य हत्याकांड पर अपना बयान दे रहे थे। सीएम योगी अपना बयान नहीं दे सके।
Published: 19 Jul 2019, 1:42 PM IST
बता दें कि 17 जुलाई को सोनभद्र के उभ्भा गांव में 112 बीघा खेत के लिए 10 लोगों की लाशें बिछा दी गई थी। इस हादसे में 25 लोग घायल हो गए थे। उम्भा गांव में 112 बीघा खेत जोतने के लिए गांव का प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर 32 ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था। बताया जा रहा है कि इन ट्रैक्टरों में करीब 100 लोग सवार थे। यह लोग अपने साथ लाठी-डंडा, भाला-बल्लम और राइफल और बंदूक लेकर आए थे और उन्होंने जबरदस्ती खेत को जोतना शुरु कर दिया। जिसका विरोध करने पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। वहीं इस मामले में 28 लोग नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है।
Published: 19 Jul 2019, 1:42 PM IST
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Published: 19 Jul 2019, 1:42 PM IST