मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत में सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ एक मामला दायर किया गया। इन पर एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएल) से बीते पखवाड़े में लापरवाही बरतने की वजह से 82 बच्चों की मौत का आरोप लगाया गया है।
Published: 17 Jun 2019, 7:30 PM IST
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फरपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में सोमवार को मामला दायर किया। याचिका में कहा गया कि हर्ष वर्धन और मंगल पांडेय, एईएस प्रकोप को नियंत्रित करने की अपने ड्यूटी को पूरा करने में विफल रहे हैं। एईएस से बच्चों की सालों से मौत के बावजूद इन दोनों ने प्रभावित क्षेत्रों में लोगों में जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करने के लिए कुछ नहीं किया।
Published: 17 Jun 2019, 7:30 PM IST
अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 24 जून की तारीख तय कर दी। हाशमी ने कहा कि उन्होंने भारतीय दंड सहिता (आईपीसी) की धारा 323, 308 और 504 के तहत आरोपी हर्ष वर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा, "लापरवाही व बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से उचित इलाज नहीं मिलने से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है।"
Published: 17 Jun 2019, 7:30 PM IST
बता दें कि हर्ष वर्धन, उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने मुजफ्फरपुर में सरकारी श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का रविवार को दौरा किया।
Published: 17 Jun 2019, 7:30 PM IST
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Published: 17 Jun 2019, 7:30 PM IST