SKM यानी संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर किसानों से बड़ी संख्या में 18 अगस्त को लखीमपुर पहुंचने का आह्वान किया है। ये वही विभिन्न कृषि संघों का समूह है जिसने तीन कृषि कानूनों (नवंबर 2021 में मोदी सरकार द्वारा निरस्त किए गए) के खिलाफ एक साल के लंबे विरोध का नेतृत्व किया था। एक बार फिर SKM ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है।
एसकेएम ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मोदी कैबिनेट से हटाने की मांग को लेकर 18 अगस्त से 75 घंटे लंबे मेगा विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। आपको बता दें, अजय मिश्रा का बेटा आशीष टेनी अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या का मुख्य आरोपी है। एसकेएम ने आरोप लगाया कि अजय मिश्रा ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को मारने की साजिश रची थी। आरोप है कि आशीष मिश्रा ने कथित तौर पर किसानों के एक समूह को कुचल दिया था, जब वे कृषि कानूनों के खिलाफ एक रैली निकाल रहे थे।
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उधर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने हाल ही में आशीष मिश्रा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था "वह राजनीतिक रूप से इतने प्रभावशाली हैं कि वह मुकदमे को प्रभावित कर सकते हैं।"
AIKS के महासचिव हन्नान मुल्ला ने नेशनल हेराल्ड से बातचीत में इस प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 20 राज्यों के किसानों के मेगा विरोध में शामिल होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए एसकेएम के यूपी चैप्टर द्वारा एसकेएम नेताओं की एक ऑनलाइन बैठक की जानकारी दी गई।
हन्नान मुल्ला ने बताया “व्यवस्था पहले से की गई है। पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों ने लंगर शुरू कर दिया है, उन्होंने आगे कहा कि लाखों किसान विरोध में शामिल होंगे।"
वहीं एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि एसकेएम का उद्देश्य किसानों को पुनर्गठित करना, विश्वासघात की ओर ध्यान आकर्षित, किसानों की प्रतिशोधपूर्ण गिरफ्तारी और बिजली संशोधन विधेयक सहित अन्य मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। पर्यवेक्षक ने आगे कहा कि आप इसे विभाजन के बाद एसकेएम द्वारा ताकत का पहला प्रदर्शन कह सकते हैं।
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1. अजय मिश्रा को मोदी कैबिनेट से हटाकर साजिश रचने के आरोप में जेल भेजा जाए
2. यूपी सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए 'निर्दोष' किसानों को रिहा किया जाना चाहिए और सरकार को उचित मुआवजा देना चाहिए
3. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को हर फसल पर लागू किया जाना चाहिए
4. एमएसपी पर सरकार द्वारा गठित कमेटी भंग की जाए
5. किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाएं और बिजली संशोधन बिल को वापस लिया जाए
6. किसानों के लिए एक पूर्ण ऋण माफी पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए
7. गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करे सरकार
हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र में पेश किया गया विद्युत संशोधन विधेयक संसदीय समिति को भेजा गया है।
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एसकेएम ने एक बयान में कहा कि टेनी के खिलाफ लखीमपुर खीरी में स्थायी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एसकेएम नेता फर्जी आरोप में गिरफ्तार किए गए किसानों से भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि एसकेएम टेनी को मोदी कैबिनेट से हटाने के लिए दबाव बनाए रखेगा।
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पर्यवेक्षकों का मानना है कि लखीमपुर खीरी में एसकेएम का ये विरोध महत्व रखता है क्योंकि लखीमपुर खीरी को अजय मिश्रा का गढ़ माना जाता है, जिन्होंने पहलवान के रूप में अपना करियर शुरू किया और फिर राजनीति में आ गए। जब ये घटना हुई उस समय अजय टेनी ने घटना के तुरंत बाद अपने बेटे का बचाव किया था। मंत्री ने दावा किया था कि उनका बेटा निर्दोष है, और अगर कोई सबूत का एक भी टुकड़ा पेश कर सकता है तो वह पद छोड़ देंगे। हालांकि, वीडियो-सबूत दिखाने के बावजूद (उनका बेटा घटना के समय मौके पर मौजूद था) वे पद पर बने रहे। उन पर आरोप है कि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दी गई 'दंड से मुक्ति' का आनंद लिया।
एक पर्यवेक्षक ने कहा कि किसानों के जबरदस्त दबाव के बावजूद अजय टेनी को नहीं हटाया गया। दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव में लखीमपुर खीरी की सभी 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के जीतने के बाद मोदी कैबिनेट में उनकी स्थिति और मजबूत हो गई थी।
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