साल 2014 में पीएम मोदी ने चुनाव के दौरान जोर-शोर युवाओं को रोजगार देने का मुद्दा उठाया था। मोदी सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा भी किया था और इसी वादे के दम पर पीएम मोदी ने सत्ता संभाली। लेकिन अब मोदी सरकार कार्यकाल के साढ़े 4 साल पूरे हो गए हैं और रोजगार पैदा करने के मामले में सरकार औंधे मुंह गिरी हुई है। इसकी एक बानगी स्किल डेवलपमेंट योजना में भी दिखाई दे रही है।
मोदी सरकार ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत साल 2016 से 2020 के बीच एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन करीब 3 साल बीत जाने के बाद इस योजना के तहत लक्ष्य के आधे युवाओं को रोजगार नसीब तक नहीं हुआ। आंकड़ों की माने तो, इस समय अवधि के अंदर में प्रशिक्षण हासिल करने वालों में से सिर्फ एक तिहाई को ही रोजगार मिल पाया है।
मोदी सरकार ने कौशल विकास योजना के तहत 5 सालों में 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। एबीवीपी न्यूज चैनल के मुताबिक, हालात यह है कि 3 साल बीत जाने के बाद महज 33 लाख युवाओं को ही प्रशिक्षण दिया गया। और उनमें से भी सिर्फ 20 लाख को सर्टिफिकेट सौंपे गये हैं। इसके अलावा अगर युवाओं को नौकरी की मिलने की बात की जाए तो उनमें से सिर्फ 10 लाख युवाओं को ही नौकरी मिल पाई।
हालात यह है कि स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण हासिल करने वालों ने सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाने लगे हैं। कई युवाओं का आरोप है कि वोकेशनल ट्रेनिंग हासिल करने के एक साल के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिला। जबकि कई ऐसे युवा अब भी सड़कों पर घूम रहे हैं जिनकी ट्रेनिंग काफी पहले खत्म हो चुकी है लेकिन उन्हें प्रमाणपत्र अभी तक नहीं दिया गया है।
कौशल विकास योजना के हालात सबसे ज्यादा बीजेपी शासित राज्यों में खराब है। आंकड़ों की माने तो कौशल विकास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 4.14 लाख युवाओं को प्रमाणपत्र दिया गया। जबकि 5.70 लाख युवाओं ने प्रशिक्षण हासिल किया था। लेकिन नौकरी की बात करे तो महज 28 फीसदी युवाओं को नौकरी मिल पाई। बिहार में 1.71 लाख युवाओं ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण लिया था, जिनमें 1.29 लाख को प्रमाणपत्र दिया गया। इनमें से महज 23 प्रतिशत को ही रोजगार मिल सका।
मध्य प्रदेश में इस योजना के तहत 3.15 लाख युवाओं ने प्रशिक्षण दिया गया था। इनमें से 2.45 लाख को सर्टिफिकेट सौंपे गए। लेकिन रोजगार मिले मात्र 30 फीसदी को युवाओं को। दिल्ली में 1.55 लाख ने प्रशिक्षण लिया, जबकि 1.16 लाख को सर्टिफिकेट दिया गया। दिल्ली में भी इस योजना के तहत रोजगार हासिल करने वालों की युवाओं की तादाद महज 30 फीसदी है।
Published: 04 Jan 2019, 8:02 PM IST
बता दें कि मोदी सरकार ने 12,000 करोड़ रुपए खर्च कर देश के कई हिस्सों में स्किल डेवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले हैं। इतना ही नहीं हर एक शख्स को ट्रेनिंग देने के लिए सरकार की ओर से 10 हजार रुपए का बजट भी रखा गया है।
Published: 04 Jan 2019, 8:02 PM IST
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Published: 04 Jan 2019, 8:02 PM IST