उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आई बाढ़ के कारण हालात खराब होते जा रहे हैं, जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल बरेली जिले का भी है। बरेली के नवाबगंज तहसील में बाढ़ के चलते आम लोगों के साथ-साथ मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बरेली के क्योलड़िया थाना क्षेत्र में इलाज के बाद अपने घर लौट रहे ग्रामीण को बाढ़ के चलते परेशानी उठानी पड़ी। परिवार वाले मरीज को चारपाई पर लेटा कर घर की ओर रवाना हुए।
जानकारी के मुताबिक, जारपा मोहनपुर गांव के रहने वाले हरीलाल का बेटा बृजेश तीन माह पहले मजदूरी करने के लिए आंध्र प्रदेश गया था। काम के दौरान वह खौलते पानी में गिर गया और बुरी तरह झुलस गया। आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, इलाज के बाद उसे डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी।
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जब बृजेश अपने गृह जिले में वापस आया तो उसे बाढ़ की चुनौती का सामना करना पड़ा। रास्ता सही न होने और क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण एंबुलेंस चालक ने बृजेश को नौगवा भगवंतपुर में ही छोड़ दिया। इसके बाद मरीज के परिजन उसे चारपाई पर लेटा कर दो किलोमीटर दूर घर तक लाए।
एक परिजन ने बताया कि उनका भतीजा आंध्र प्रदेश में काम करने के दौरान गर्म पानी में गिरने से झुलस गया था। कुछ दिन आंध्र प्रदेश में ही इलाज चला और उसके बाद उसे घर ले आए। रास्ता सही नहीं होने के कारण मरीज को चारपाई पर लेटा कर लाना पड़ा।
बता दें कि जारपा मोहनपुर गांव बरेली बॉर्डर पर देवहा नदी के समीप बसा हुआ है जो विकास की दृष्टि से बहुत ही पिछड़ा है। इस गांव में आने-जाने के लिए आम रास्ता नहीं है। गांव की स्थिति खराब होने के चलते ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इसी वजह से गांव वालों ने लोकसभा चुनाव 2024 का भी बहिष्कार किया था।
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