कांग्रेस ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री के परिवार से जुड़े कथित 'भूमि घोटाले' की समयबद्ध एसआईटी जांच की मांग की। पार्टी ने आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री की पत्नी और रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली एक कंपनी ने अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ, रिपुन बोरा, जितेंद्र सिंह और गौरव गोगोई ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन बुलाकर कहा, "असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, एक तरफ गरीब और वंचित परिवारों को इस आधार पर बेदखल करने में कठोरता दिखा रहे हैं कि किसी को सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का अधिकार नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन अपनी मर्जी से अपने परिवार वालों को सौंप रहे हैं।"
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कांग्रेस ने आरोप लगाया, "प्रमुख मीडिया घरानों की जांच के अनुसार, मुख्यमंत्री की पत्नी रिंकी भुइयां सरमा द्वारा सह-स्थापित एक रियल एस्टेट कंपनी आरबीएस रियल्टर्स भूमिहीन व्यक्तियों और संस्थानों के लिए लगभग 18 एकड़ सरकारी भूमि पर कथित रूप से कब्जा कर रही है।"
पार्टी ने आरोप लगाया कि आरबीएस रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने दो चरणों में, पहले 2006-2007 में और फिर 2009 में 18 एकड़ में से अधिकांश का अधिग्रहण किया।
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भूमिहीन और जरूरतमंद व्यक्तियों को असम सरकार द्वारा सीलिंग सरप्लस भूमि दी जाती है और उस जमीन को 10 साल की अवधि के लिए बेचने पर रोक लगा दी जाती है। कांग्रेस ने कहा, "2009 में बोंगोरा में कुल 11 बीघा तीन कट्ठा और चार पट्टे (यानी 3,01,674 वर्ग फीट या 6.92 एकड़) की अतिरिक्त भूमि कथित रूप से असम सरकार द्वारा जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए आवंटित और हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा खरीदी गई थी। मुख्यमंत्री की पत्नी की कंपनी 10 साल की लॉक-इन अवधि का उल्लंघन कर रही है।"
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"उत्तरी गुवाहाटी में कुल सात भूखंड कथित तौर पर 2008 और 2009 के बीच आरबीएस रीयलटर्स को आवंटित किए गए थे। प्लॉट 1- 4.37 एकड़ भूमि असम सरकार ने लालमोती तालुकदार को 4.37 एकड़ सीलिंग अधिशेष भूमि इस शर्त पर आवंटित की कि इसे दस साल तक बेचा नहीं जा सकता। बमुश्किल दो महीने बाद 28 जनवरी, 2009 को तालुकदार ने बिक्री के लिए लॉक-इन अवधि में 4.37 एकड़ में से 3.19 एकड़ जमीन आरबीएस रीयलटर्स को प्लॉट 2 की 1872 वर्ग फुट जमीन बेच दी।"
पार्टी ने कहा, "2017 में, वशिष्ठ रियल्टर्स के 100 रुपये के अंकित मूल्य के 23.61 प्रतिशत शेयरों को रिंकी भुइयां सरमा की मां और मुख्यमंत्री की सास मीना भुइयां को हस्तांतरित किया गया था।"
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कांग्रेस ने आरोप लगाया, "16 सितंबर, 2019 को हिमंत बिस्वा सरमा के बेटे नंदिल बिस्वा सरमा के वयस्क होने के बमुश्किल 18 दिन बाद मीना भुइयां ने अपने शेयर उन्हें हस्तांतरित कर दिए। वित्तवर्ष 20 तक मुख्यमंत्री के बेटे के पास कंपनी के 23.61 प्रतिशत शेयर हैं।"
गौरव वल्लभ ने कहा कि एक मौजूदा सीएम, जिनका परिवार सीधे जमीन हथियाने में शामिल है, उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री पद से तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने मांग की कि इन रियल्टरों को किया गया सभी अवैध भूमि हस्तांतरण तुरंत रद्द कर दिया जाना चाहिए और उन भूमिहीन व जरूरतमंद लोगों को वैकल्पिक भूमि देने के प्रावधान किए जाने चाहिए, जिनकी जमीन को बेईमानी से छीन लिया गया था।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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