पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न और कथित पीड़िता कानून की छात्रा के खिलाफ जबरन वसूली के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बुधवार को दोनों मामलों में आरोप पत्र दायर किए। एसआईटी ने दो महीने लंबी जांच के बाद दोनों मामलों में 20 पेज का आरोप-पत्र दायर किया। केस डायरी कुल 4,700 पृष्ठों की है।
एसआईटी ने 79 साक्ष्य भी जमा किए और अदालत से कहा कि जांच के दौरानन 105 लोगों से पूछताछ की गई। एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ओम वीर सिंह की अदालत में आरोप-पत्र दायर किया।
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सभी आरोपी अदालत में मौजूद थे। इसमें चिन्मयानंद, छात्रा और उसके पुरुष साथी संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर शामिल थे। उन्हें जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया और जिला अदालत में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। अदालत में आरोपों को अलग-अलग पढ़ा गया।
एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा के अनुसार, आरोप पत्र में यह भी शामिल किया गया है कि डी.पी.एस. राठौर भी चिन्मयानंद से 1.25 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के प्रयास में शामिल थे। राठौड़, बीजेपी के नेता हैं।
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अरोड़ा के अनुसार, राठौर, शाहजहांपुर जिला कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन और बीजेपी नेता हैं। उनके सहयोगी अजीत कुमार जबरन वसूली में शामिल एक आरोपी का संबंधी है। राठौर और कुमार पर जबरन वसूली, साक्ष्यों को गायब करने और आपराधिक धमकी देने को लेकर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में आरोप लगाए गए हैं। एसआईटी ने उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन उनके नाम को शामिल किया है।
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राठौर और कुमार ने महिला और उसके दोस्त संजय से सभी साक्ष्यों (पेन ड्राइव में रखे गए) को उन्हें देने के लिए कहा, जिससे उन्हें सुरक्षित किया जा सके। एसआईटी ने 105 लोगों के बयान दर्ज किए हैं और 55 दस्तावेजों को आरोप पत्र में शामिल किया है। एसआईटी इस मामले पर 28 नवंबर को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी।
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