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केरल में 28 साल बाद सिस्टर अभया को मिला इंसाफ, आरोपी पादरी और नन को आजीवन कारावास की सजा

साल 1992 में कोट्टायम के सेंट पियूस कॉन्वेंट के कुएं में सिस्टर अभया का शव मिला था। अभया उसी कॉन्वेंट में ही रहती थी। सीबीआई के अनुसार कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह होने के कारण अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था, जिसमें ये तीनों आरोपी शामिल थे।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

केरल के तिरुवनंतपुरम की एक सीबीआई अदालत ने बुधवार को बहुचर्चित सिस्टर अभया की हत्या मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी कैथोलिक पादरी थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सीबीआई अदालत ने मंगलवार को दोनों को 1992 में हुई सिस्टर अभया की हत्या के मामले में दोषी पाया था। हत्या के 28 साल बाद अदालत का फैसला आया है।

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अपने फैसले में अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या के आरोप साबित होते हैं। वहीं कोर्ट ने इस मामले के एक अन्य आरोपी फादर फूथराकयाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। फिलहाल दोनों सजायाफ्ता दोषी न्यायिक हिरासत में हैं।

बता दें कि साल 1992 में कोट्टायम के सेंट पियूस कॉन्वेंट के कुएं में सिस्टर अभया का शव मिला था। अभया उसी कॉन्वेंट में ही रहती थी। अभया के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई है। वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के इंतजार में ही दुनिया से गुजर गए।

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मामले की सीबीआई जांच से पहले स्थानीय पुलिस और फिर अपराध शाखा ने जांच में कहा था कि यह खुदकुशी का मामला है। सवाल खड़े होने पर 2008 में मामला सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई के अनुसार कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह होने के कारण अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था, जिसमें तीनों आरोपी शामिल थे। इस मामले की सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त से शुरू हुई थी। हालांकि, सुनवाई के दौरान कई गवाह मुकर गए, लेकिन अंततः मामले में अभया को इंसाफ मिला।

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