चंडीगढ़ से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक 'द ट्रिब्यून' के खुलासे के मुताबिक सिंधु बॉर्डर पर बेरहमी से मार दिए गए तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग संगठन के केंद्र सरकार से गहरे रिश्ते हैं। रिपोर्ट के अनुसार किसान आंदोलन के उफान के समय निहंग संगठन के नेता बाबा अमन सिंह के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर समेत कई मंत्री और बीजेपी नेता कई बैठकें कर चुके हैं। ऐसे में लखबीर हत्याकांड के पीछे कोई गहरी साजिश की चर्चा।
'द ट्रिब्यून' के मुताबिक कुछ महीने पहले, जब केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन उफान पर था तब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लखबीर हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने वाले निहंग संगठन के नेता बाबा अमन सिंह को बकायदा सिरोपा देकर अपने सरकारी आवास पर सम्मानित किया था। दरअसल, निहंग नेता बाबा अमन सिंह कथित तौर पर आला बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से सिंधु बॉर्डर पर डटे किसानों की ओर से 'एकतरफा' मध्यस्थ की भूमिका अदा करता रहा है।
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निहंग जत्थेबंदी का नेता बाबा अमन सिंह केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले पर केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के साथ दोपहर के खाने पर लंबी बैठक भी कर चुका है। इस लंच में झारखंड के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह, भारत-तिब्बत संघ के राष्ट्रीय महासचिव सौरभ सारस्वत, बीजेपी की ओर से राष्ट्रीय किसान नेता बताए जाने वाले और बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सुखमहेंद्रपाल सिंह ग्रेवाल के साथ-साथ पंजाब का एक बदनाम पुलिसकर्मी गुरमीत सिंह पिंकी कैट भी शामिल था।
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'द ट्रिब्यून' का कहना है कि उसके पास तीन फोटो मौजूद हैं, जो यह साबित करते हैं कि निहंग नेता बाबा अमन सिंह की बीजेपी नेताओं के साथ गहरी नजदीकियां हैं। अखबार से बातचीत में ग्रेवाल ने स्वीकार किया कि जिस बैठक में वह शीर्ष बीजेपी नेताओं से मिले, उसमें निहंग नेता अमन शामिल था। खास बात से है कि ग्रेवाल जम्मू और कश्मीर के भारत तिब्बत संघ की इकाइयों से भी वाबस्ता हैं।
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गौरतलब है कि जिस निहंग संगठन पर इतने वीभत्स हत्याकांड का सीधा आरोप लगा है, उसके वरिष्ठतम नेता का बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और मंत्रियों के साथ ऐसा तालमेल कोई सामान्य बात नहीं है। 'द ट्रिब्यून' द्वारा इस बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में निहंग नेता अमन सिंह कहता है कि वह प्रतिदिन कई लोगों और नेताओं से मिलता रहता है। उसका कहना है कि बेअदबी करने वाले की हत्या एक धार्मिक मामला है, इसका किसी और मामले से कोई वास्ता नहीं है। हमारे निहंग आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
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'द ट्रिब्यून' के खुलासे के बाद पंजाब के कोने-कोने में पूछा जा रहा है कि अब यह मुद्दा किधर जाएगा? क्योंकि लखबीर हत्याकांड के लिए बीजेपी संयुक्त किसान मोर्चा को गुनाहगार ठहरा रही हैै। कहीं न कहीं इसे जातीय रंगत देने की भी साजिश की जा रही है। अलबत्ता बीजेपी अमन सिंह को सिरोपा दिए जाने और उसकी पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकातों पर फिलहाल पूरी तरह खामोश है। सूबे में और बाहर भी बहुतेरे लोग पहले से ही मानते आए हैं कि लखबीर हत्याकांड के पीछे कोई साजिश हो सकती है। इन लोगों का शक अब 'द ट्रिब्यून' के खुलासे के बाद पुख्ता हो चला है।
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