उत्तर प्रदेश में एक पत्नी पर अधिकारी बनने के बाद पति को धोखा देने का आरोप लगने के बाद इस घटना का साइड इफेक्ट बिहार में भी देखने को मिला है। बिहार के बक्सर के एक व्यक्ति ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा की तैयारी कर रही अपनी पत्नी को न केवल वापस घर बुला लिया बल्कि उसकी आगे की पढ़ाई में मदद नहीं करने का भी फैसला किया। उसे डर है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबर की तरह, उसकी पत्नी भी उत्तर प्रदेश की एक पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य की तरह अधिकारी बनकर धोखा नहीं दे दे।
उत्तर प्रदेश में पीसीएस अधिकारी ज्योति पर अपने पति आलोक मौर्य को सरकारी नौकरी मिलने के बाद धोखा देने का आरोप है। खबरों के अनुसार, सफाई कर्मचारी आलोक ने अपनी पत्नी की पढ़ाई के लिए काफी परिश्रम किया कि उसकी पत्नी अपनी पढ़ाई जारी रखे और नौकरी हासिल करे।
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बताया जाता है कि यूपी की इस खबर का असर बक्सर जिले के चौगाईं गांव में देखने को मिला जहां, पिंटू सिंह ने अब अपनी पत्नी की पढ़ाई में मदद नहीं करने का फैसला किया है। अपने पति के इस फैसले से नाराज सिंह की पत्नी खुशबू कुमारी मुरार थाना पुलिस के पास पहुंचकर इसकी शिकायत भी की है।
खुशबू कुमारी कहती हैं कि पति के इस फैसले के बाद उन्होंने पति को समझाने का बहुत प्रयास किया। उन्हे यह भी कहा कि हर कोई एक जैसा नहीं होता। पति को मैने कभी भी धोखा नहीं देने का वादा भी किया, लेकिन वे समझने को तैयार नहीं हैं। खुशबू ने दर्द बयां करते हुए कहा कि लोग बेटी को तो पढ़ाना चाहते हैं लेकिन पत्नी को नहीं।
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खुशबू खुद बताती हैं कि उनका विवाह 2010 में तब हुआ था, जब वे मात्र 10वीं पास थी। शादी के बाद पति पिंटू के सहयोग से उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू की। खुशबू का दावा है कि पिछली बार बीपीएससी मुख्य परीक्षा में कुछ अंकों की कमी के कारण वे सफल नहीं हो सकी थीं।
मुरार के थाना प्रभारी रविकांत प्रसाद ने बताया कि ऐसी शिकायत मिली है। उन्होंने पति - पत्नी को आपसी सहमति से सुलझाने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंह को बुलाकर यह भी समझाया कि हर कोई एक ही तरह का नहीं होता। इधर, पति ने साफ लहजे में कहा कि पत्नी आगे कब बदल जाए, कोई नहीं जानता। उसने यह भी कहा कि अब वह पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। इस घटना की अब पूरे इलाके में चर्चा हो रही है।
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