अपनी इफ्तार पार्टियों और बॉलीवुड में अपने संबंधों के लिए मशहूर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने एक बार फिर फिल्म जगत और अपराध जगत के बीच के संबंधों को सुर्खियों में ला दिया है।
कहा जा रहा है कि हो सकता है सिद्दीकी को सलमान खान से नजदीकी के कारण लॉरेंस बिश्नोई ने निशाना बनाया हो। कुछ मामले जब बॉलीवुड की हस्तियां अपराध जगत के निशाने पर आईं निम्नलिखित हैं :
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मुंबई अपराध जगत द्वारा 1997 में टी-सीरीज के मालिक की हत्या पहली बड़ी घटना थी जिसने देश को झकझोर कर रख दिया था। कुमार हर सुबह और शाम मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी में एक शिव मंदिर में जाते थे। 12 अगस्त 1997 को वे मंदिर गए, 15 मिनट तक प्रार्थना की और प्रसाद चढ़ाया। अपनी कार की ओर लौटते समय, कार का दरवाजा खोलते ही तीन हमलावरों ने उन पर गोली चला दी। कूपर अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि हत्या से पहले गुलशन कुमार को उसी वर्ष 5 अगस्त और 9 अगस्त को धमकी भरे फोन आए थे।
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अभिनेता का 1998 का कुख्यात काला हिरण शिकार मामला अब भी उन्हें परेशान कर रहा है। जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने 2018 में जोधपुर में अदालत में पेशी के दौरान अभिनेता को जान से मारने की धमकी दी थी।
तब से, अभिनेता जान को खतरा होने की कई धमकियां मिल चुकी हैं। इस साल अप्रैल में, उनके बांद्रा स्थित घर के बाहर बिश्नोई गिरोह के दो हमलावरों ने गोलियां चलाईं, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके करीबी रिश्ते के कारण अभिनेता के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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वर्ष 2000 में आई उनकी फिल्म “कहो ना...प्यार है” की सफलता के बाद अपराध जगत द्वारा फिल्म निर्माता राकेश रोशन की हत्या का प्रयास किया गया था, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर जबरन वसूली की रकम देने से इनकार कर दिया था। इस फिल्म से उनके बेटे ऋतिक रोशन ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा था।
मुंबई के सांताक्रूज़ इलाके में स्थित रोशन के दफ़्तर के पास 21 जनवरी 2000 को सुनील विट्ठल गायकवाड़ और सचिन कांबले नामक दो लोगों ने उन्हें गोली मार दी। एक गोली उसके बाएं हाथ में लगी और दूसरी उसकी छाती को छूती हुई निकल गई। रोशन अपनी कार में सवार होकर किसी तरह सांताक्रूज पुलिस थाने पहुंचे। फिर उन्हें नानावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया।
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जवान के अभिनेता का मुंबई अपराध जगत के साथ कई बार टकराव हो चुका है और वह धमकियों के सामने डटे रहने के लिए जाने जाते हैं। अभिनेता को अक्टूबर 2023 में उनकी जान को खतरे के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार से ‘वाईप्लस’ श्रेणी का सुरक्षा घेरा उपलब्ध कराया गया था। उन्हें 1990 के दशक में कई बार गैंगस्टर अबू सलेम द्वारा धमकी दी गई थी।
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2001 की फिल्म “चोरी चोरी चुपके चुपके” से संबंधित कानूनी कार्यवाही के दौरान फिल्म उद्योग में अपराध जगत की संलिप्तता के खिलाफ बोलने के बाद जिंटा ने सार्वजनिक रूप से धमकियां मिलने के अपने अनुभव साझा किए थे।
फिल्म के निर्माता नसीम रिजवी और फाइनेंसर भरत शाह अपराध जगत से धन प्राप्त करने के आरोप में जेल गए।
जिंटा ने मुंबई की एक अदालत को बताया कि उन्हें फोन कर उनसे 50 लाख रुपये की मांग की गयी थी।
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