कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन बिल पर सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के फैसले को अल्पसंख्यक विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ही नहीं, एनडीए सरकार भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।
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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “इस फैसले से पता चलता है कि बीजेपी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। वे पूरी तरह से उनके खिलाफ काम कर रहे हैं। देश में एनडीए सरकार का राज है। जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। वे धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं और उनका ये फैसला सामाजिक न्याय के खिलाफ है। हम देश के लोगों को बता रहे हैं कि वे सांप्रदायिक, जातिवादी हैं। इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।”
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वहीं, डीएमके सांसद कनिमोझी ने भी कह कि, "यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को अपने संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट करता है...।" कांग्रेस सहित विपक्ष के कई अन्य दलों ने इस संशोधन बिल के विरोध में नोटिस दिया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित कई अन्य विरोधी दलों के सांसद लोकसभा में इसका विरोध कर रहे हैं।
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बता दें कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में गुरुवार को वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दोनों विधेयकों को पेश किया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया और फिर इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव दिया। इस बिल को सदन में पेश किये जाने पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है।
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