पश्चिम बंगाल में इन दिनों सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए बीजेपी विधायकों की कतार लगी हुई है। सोमवार को बांकुरा के बिष्णुपुर से विधायक तन्मय घोष के झटके से बीजेपी अभी उबर भी नहीं पाई थी कि आज उत्तर 24 परगना के बगदा से बीजेपी विधायक बिस्वजीत दास ने झटका देते हुए टीएमसी में वापसी कर ली। उनके साथ पार्टी के दो पूर्व सदस्य मोनोतोष नाथ और सुब्रत पाल भी फिर से तृणमूल में शामिल हुए।
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इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा, "लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विकास कार्यक्रम का हिस्सा बनने के इच्छुक हैं और इसलिए वे पार्टी से हाथ मिलाने और इसे पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए आ रहे हैं।" चटर्जी ने कहा कि बगदा विधायक बिस्वजीत दास ने पार्टी में वापस आने की इच्छा व्यक्त की और हमारे सांसद और महासचिव अभिषेक बनर्जी से अपील की थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मंजूरी मिलने के बाद फैसला लिया गया कि उन्हें पार्टी में फिर से ले लिया जाए।
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बिस्वजीत दास ने चुनाव से पहले टीएमसी छोड़ दी थी और चुनाव से पहले बीजेपी के टिकट पर बगदा सीट से जीत हासिल की। उन्होंने कहा, "यह एक गलती थी और मैंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का निर्णय जिन कारणों के आधार पर लिया था, वे सही नहीं थे। अब मैं समझ सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी में काम के लिए कोई जगह नहीं है और इसलिए मैंने अपनी पुरानी पार्टी में फिर से आने का फैसला किया।"
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दो बार के विधायक ने पार्थ चटर्जी से पार्टी का झंडा ग्रहण किया। यह पूछे जाने पर कि वह बीजेपी क्यों छोड़ रहे हैं, उन्होंने कहा, "आप सभी जानते हैं कि बीजेपी में क्या हो रहा है। एक नेता दूसरे नेता के खिलाफ फेसबुक पोस्ट कर रहा है, वे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खराब टिप्पणियां कर रहे हैं। सही मायने में, वहां काम के लिए कोई माहौल नहीं है।"
बिस्वजीत दास ने कहा, "मैं एक जनप्रतिनिधि हूं और मैं लोगों के लिए काम करना चाहता हूं और इसलिए अगर मुझे काम करने की गुंजाइश नहीं मिलती है, तो उस पार्टी में रहने का कोई अर्थ नहीं है। अगर मैं तृणमूल कांग्रेस में वापसी चाहता हूं तो मुझे कोई नहीं रोकेगा। यहां काम मुख्य मानदंड है और इसलिए मैंने तृणमूल कांग्रेस में वापस आने का फैसला किया।"
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इससे पहले, सोमवार को बांकुड़ा जिले के बिष्णुपुर से बीजेपी विधायक रहे तन्मय घोष फिर से तृणमूल में शामिल हो गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में आंतरिक मतभेद इतना ज्यादा है कि विकास कार्य करने के लिए कोई जगह नहीं है। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर राज्य में अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया था।
हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, "उन्हें धमकाया जा रहा है, डराया जा रहा है और पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह सब लंबे समय तक नहीं चलेगा।"
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