नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आज नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पांचवीं बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने मंगलवार शाम पीएम पद की शपथ लेने के बाद पांच सदस्यीय कैबिनेट का भी गठन कर दिया है। नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) भी देउबा की सरकार में सहयोगी है।
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शेर बहादुर देउबा की नियुक्ति नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के सोमवार को दिए फैसले के आलोक में हुई है, जिसमें कोर्ट ने के पी शर्मा ओली के संसद भंग करने के फैसले को पलटते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए देउबा के दावे पर मुहर लगाई थी। इसके बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संविधान के अनुच्छेद 76(5) के तहत उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया। राष्ट्रपति कार्यालय ने कल देर रात देउबा को उनकी नियुक्ति के बारे में सूचित किया।
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यह पांचवीं बार है जब 74 वर्षीय शेर बहादुर देउबा ने नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर सत्ता में वापसी की है। इससे पहले नेपाल के दिग्गज नेता शेर बहादुर देउबा चार बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह पहली बार सितंबर 1995 से मार्च 1997 तक, दूसरी बार जुलाई 2001 से अक्टूबर 2002 तक, तीसरी बार जून 2004 से फरवरी 2005 तक और चौथी बार जून 2017 से फरवरी 2018 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
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नेपाल के संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद देउबा को 30 दिनों के अंदर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा। ऐसे में संख्या बल के आधार पर देखें तो देउबा की सरकार भी संकट में ही लग रही है। हालांकि नेपाली संविधान के अनुसार उनके पास बहुमत साबित करने के लिए 30 दिन का समय है।
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