शत्रुघ्न सिन्हा ने खुलासा किया है कि उन्हें कई बड़े राजनीतिक दल अपनी पार्टी में शामिल करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि इनमें तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जैसे नेता शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने हर दल को साफ कर दिया था कि कोई भी परिस्थिति हो, वे चुनाव सिर्फ पटना साहिब से ही लड़ेंगे।
शत्रुघ्न सिन्हा लंबे वक्त से मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी से मैंलंबे समय से जुड़ा था, उसे छोड़ना मेरे लिये पीड़ादायक था। लेकिन एल के आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ जिस तरह से बर्ताव किया गया, उससे मैं आहत था।
पीटीआई से बातचीत में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पार्टी के बगैर किसी सहयोग के उन्होंने 2014 में पटना साहिब सीट से अपने दम पर जीत हासिल की थी। उनका मानना है कि इस बार वह जीत के सदंर्भ में पहले के रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं। उन्होंने बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह के नेतृत्व की आलोचना की और कहा कि इससे पहले पार्टी में लोकशाही थी और अब तानाशाही है।
उन्होंने कहा कि, “मेरे पारिवारिक मित्र आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी सुझाव दिया कि आप कांग्रेस में जायें। हम लोग वहां आपके साथ हैं और राजनीतिक रूप से भी साथ बने रहेंगे। यह उनकी लालू प्रसाद की सहमति और उनके साथ समझौते के तहत हुआ।
उन्होंने कहा कि अहम कारक यह है कि पटना साहिब सीट महागठबंधन के सीट बंटवारे में कांग्रेस के खाते में गयी। उन्होंने कहा भी था कि सिचुएशन (परिस्थिति) जो भी हो लेकिन लड़ूंगा उसी सीट से।
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