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शरद यादव की पार्टी का RJD में विलय, तेजस्वी ने 2024 में विपक्ष को जोड़ने और कांग्रेस की भूमिका पर दिया जोर

कांग्रेस की अहम भूमिका पर तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस देश में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस की जवाबदेही और जिम्मेदारी बड़ी है। हमने हर बार कहा है कि बिना कांग्रेस विपक्ष की कल्पना नहीं कर सकते। कांग्रेस साथ में रहेगी तभी विपक्ष मजबूत रहेगा।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का रविवार को आरजेडी में विलय कर दिया। दिल्ली स्थित उनके आवास पर इसकी घोषणा की गई। ऐलान के बाद शरद यादव और तेजस्वी यादव ने विपक्ष के सभी नेताओं को एकजुट होने का इशारा किया है ताकि मौजूदा बीजेपी सरकार से मुकाबला किया जा सके।

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इस मौके पर तेजस्वी यादव ने विपक्ष को एक साथ जोड़ने और सरकार को हराने के लिए कांग्रेस की एक बड़ी भूमिका की बात कही। साथ ही तेजस्वी ने अपना एक सुझाव साझा करते हुए बताया कि, किस तरह कांग्रेस हमारे साथ मिल सरकार को हरा सकती है। हालांकि, तेजस्वी यादव ने इस बात का भी जिक्र किया कि विपक्षी दलों ने सरकार से लड़ने के तैयारी में देरी कर दी है। उन्होंने कहा, हम लोगों को 2019 से ही साथ रहना चाहिए था। शरद जी का निर्णय इस दौर में काफी निडर निर्णय है।

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कांग्रेस की अहम भूमिका पर अपने सुझाव को साझा करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस देश में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस की जवाबदेही और जिम्मेदारी बड़ी है। हमने हर बैठक में कहा है कि बिना कांग्रेस विपक्ष की कल्पना नहीं कर सकते। कांग्रेस साथ में रहेगी तभी विपक्ष की कल्पना कर सकते हैं। करीब 200 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी की सीधी लड़ाई है तो यदि इन सीटों पर कांग्रेस मजबूती के साथ तैयारी करे और बाकी सीट पर क्षेत्रीय दल तैयारी करें तब यह काम हो सकता है।

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वहीं, इस दौरान शरद यादव ने कहा कि बिहार का आने वाला भविष्य तेजस्वी यादव है। उन्होंने कहा, यह विलय एक व्यापक एकता के लिए पहला कदम है। देश में जो परिस्थिति है, उसमें सारे विपक्ष को एक होना चाहिए इसी वजह से हमने सबसे पहले यह पहल की है। पूरे देश की विपक्षी पार्टियों को मिलाकर हराने से ही भाजपा हार सकती है। अकेले कोई पार्टी नहीं हरा सकती।

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उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हम यह प्रयास करेंगे और लालू जी भी बाहर आ जायेंगे। लालू अगर सम्प्रदायिक लोगों के खिलाफ न लड़े होते तो वो जेल में न होते। पहले सबको एक करना है उसके बाद इसका चेहरा कौन होगा, वह तय हो जाएगा। अखिलेश से भी बात करेंगे, विपक्ष से बात कर गोलबंद करेंगे और लोकतंत्र को बचाएंगे। फिल्म के जरिये नफरत फैला रहे हैं। देश में बदलाव बिहार से होगा। हौसले से देश को संकट से बचाएंगे।

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दरअसल शरद यादव और अली अनवर ने 2018 में जदयू से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाई थी। जानकारी के अनुसार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव को लालू यादव की पार्टी राज्यसभा भेज सकती है। शरद यादव इन दिनों गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं। इस साल जुलाई में बिहार में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं, जिसमें दो सीट बीजेपी, एक सीट जीडेयू और दो सीट आरजेडी के पास जाएगी।

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