हरियाणा की बीजेपी सरकार के खेल मंत्री संदीप सिंह सेक्सुअल हेरासमेंट के आरोपों में घिर गए है। नेशनल एथलीट और खेल विभाग में महिला कोच ने आरोप लगाया है कि खेल मंत्री ने अपने घर बुलाकर उनके साथ छेड़छाड़ की। वह किसी तरह खुद को बचाकर भागी और स्टाफ उसे देखकर हंसता रहा। महिला कोच ने यह भी आरोप लगाया है कि इससे पहले खेल मंत्री और भी महिला खिलाडि़यों के साथ गलत काम कर चुके हैं। हर स्तर पर उसने मदद की भी गुहार लगाई, लेकिन कहीं से उसे मदद नहीं मिली।
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400 मीटर नेशनल एथलीट नेशनल रियो एथलेटिक्स कोच ने यह आरोप आज चंडीगढ़ में लगाए। महिला कोच ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि "खेल मंत्री संदीप सिंह ने मेरे साथ इंस्टाग्राम पर बात की। वेनिश मोड पर बात की, जिससे 24 घंटे बाद मैसेज डिलीट हो गया। स्नैपचैट पर बात करने को कहा। फिर मुझे सेक्टर- 7 लेक साइड मिलने को कहा। मैं नहीं गई। वो मुझे इंस्टा पर ब्लॉक अनब्लॉक करते रहे। फिर मुझे एक डाक्यूमेंट के बहाने घर बुलाया। मैं जब गई तो वो कैमरा वाले आफिस में बैठना नहीं चाहते थे। अलग से केबिन में लेकर गए। वहां मेरे पैर पर हाथ रखा और कहा कि तुम मुझे खुश रखो मैं तुम्हें खुश रखूंगा। कई खिलाड़ियों का जिक्र किया, उन्हें मैंने ऊपर तक पहुंचाया है। मैं किसी तरह खुद को बचाकर भागी। स्टॉफ मेरी हालत देखकर हंसता रहा।"
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पीड़िता ने आरोप लगाया कि "डीजीपी के पीएस को कॉल किया। सीएम के पीएस को भी कॉल किया। कोई मदद नहीं मिली। गृह मंत्री अनिल विज की टीआरएफ से भी मेरी कोई मदद नहीं की गई। खेल मंत्री ने मेरा ट्रांसफर करने की बात की। स्पोर्ट्स डायरेक्टर ने मेरी हेल्प की। मुझे मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। मेरा ट्रांसफर झज्जर कर दिया गया है, जहां 100 मीटर का भी ग्राउंड नहीं है।"
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इस मामले पर इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि खेल विभाग में ओएसपी जूनियर एथलेटिक्स कोच के पद पर तैनात हरियाणा की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एथलीट के द्वारा प्रदेश के खेल मंत्री पर छेड़छाड़ के संगीन आरोप लगाए गए हैं। जूनियर कोच ने अपनी शिकायत की सुनवाई के लिए गृह मंत्री और डीजीपी से मिलने की कोशिश की, लेकिन बहुत दुर्भाग्य की बात है कि कहीं भी उसे न्याय नहीं मिला। खेल मंत्री द्वारा एक जूनियर कोच को घर पर बुलाकर छेड़छाड़ करना और प्रताड़ित करना प्रदेश की बीजेपी गठबंधन सरकार पर कलंक है। जूनियर कोच को न्याय दिलवाने के लिए सरकार तुरंत एसआईटी की जांच के आदेश दे और खेल मंत्री को बर्खास्त करे।
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वहीं, इन आरोपों पर खेल मंत्री ने यह बात तो मानी है कि उनकी महिला कोच से मुलाकात हुई है, लेकिन उन्होंने कहाकि एक एम्प्लाई के नाते, एक प्लेयर के नाते आफिस में मिले हैं। सभी खिलाड़ी हमारे पास आते हैं और मिलते हैं। इन्होंने हमारे पास आकर मांगा कि हमें होम डिस्ट्रिक दे दीजिये। हम आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्स पर्सन पॉलिसी के तहत लगे हैं। संदीप सिंह ने कहा कि हमारे विभाग की जूनियर कोच ने आधारहीन आरोप लगाया है। एक रजनीतिक दल के ऑफिस में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। मैं खिलाड़ियों की मदद करता हूं। मगर, इस तरह के आरोप तथ्यहीन हैं। विपक्ष इसे किसी और तरफ लेकर जाने का प्रयास कर रहा है। जो आरोप लगे हैं, उनकी जांच होनी चाहिए और जांच भी मैं करवाऊंगा। इन्हें जूनियर कोच के पद पर जॉइनिंग भी दी। इनके सर्टिफिकेट का कुछ मुद्दा भी रहा, जिसको हल किया।
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संदीप सिंह ने कहा कि 12 कोच का नया ग्रुप आया तो हमने कहा सभी को गृह जिला दे देंगे।कल सेशन के दौरान मैंने इन्हें समय दिया। उन्हें आवेदन देने को कहा था। उन्होंने एप्लिकेशन भी नहीं दी। उसके बाद भी डायरेक्टर को आदेश दिए कि ऐसे सभी कोच जो ट्रेनिंग कर रहे हैं। उन्हें होम डिस्ट्रिक दिया जाना चाहिए। 3 महीने पहले इनकी एक एप्लिकेशन आई कि विदेश ट्रेनिंग करना चाहते हैं। इसमें एसोसिएशन की तरफ से लेटर दिया जाता है, जिसके चलते मैंने इनकार किया। इन्हें कहा कि फेडरेशन से पत्र मिलता है तो परमिशन देंगे।
संदीप सिंह चाहे कुछ भी कहें, लेकिन महिला अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी द्वारा लगाए गए आरोपों पर राज्य की सियासत गर्मा गई है। इस बीच इन दिनों हरियाणा विधानसभा की शीतकालीन सत्र भी चल रहा है, तो ऐसे में इस मामले की गूंज सदन में भी सुनाई देना तय है। साफ है कि आने वाले दिनों मेंं राज्य की राजनीति में काफी हलचल रहेगी।
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