तमिलनाडु की प्रमुख पार्टी एआईएडीएमके के नेतृत्व को लेकर लंबे समय से चली आ रही लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) को बड़ा झटका देते हुए आदेश दिया कि के. पलानीस्वामी (ईपीएस) एआईएडीएमके के अंतरिम महासचिव बने रहेंगे। कोर्ट का यह आदेश ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) के लिए एक बड़ा झटका है।
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले पर मुहर लगा दी जिसने के. पलानीस्वामी (ईपीएस) को एआईएडीएमके का अंतरिम महासचिव के तौर पर जारी रखने की अनुमति दी थी। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हमने हाईकोर्ट की खंडपीठ के 2 सितंबर 2022 के आदेश को बरकरार रखा है और अपने पहले के अंतरिम आदेश को स्थायी कर दिया है।
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शीर्ष अदालत की पीठ ने आगे कहा कि उसने पार्टी के समक्ष प्रस्तावों के मामले को इसमें नहीं निपटाया है जो एकल-न्यायाधीश द्वारा सुने जा रहे थे। पीठ ने आगे कहा कि हम इन प्रस्तावों को कानून के अनुसार निपटाए जाने के लिए खुला छोड़ देते हैं। हम यह नहीं चाहते कि पक्षकार के आवेदनों को अनुमति दी जाए।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले साल 6 जुलाई को दिया गया उसका अंतरिम आदेश स्थायी किया जाएगा, जिसमें अन्नाद्रमुक के संविधान के उपनियमों में संशोधन पर रोक लगाने वाले हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई गई थी। विस्तृत आदेश बाद में दिन में अपलोड किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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बता दें कि एआईएडीएमके के नेतृत्व को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान में शीर्ष अदालत का फैसला प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेता ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि शीर्ष अदालत ने ओपीएस की चुनौती को खारिज कर दिया है और ईपीएस को पार्टी के अंतरिम महासचिव के रूप में जारी रहने की अनुमति दी।
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