हालात

दंगा, धमकी, वसूली जैसे गंभीर आरोप हैं केंद्रीय मंत्री ‘ओडिशा के मोदी’ पर, ग्राह्म स्टेंस कांड में भी आया था नाम

प्रताप चंद्र सारंगी पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। उन्होंने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके खिलाफ सात आपराधिक मामले लंबित हैं। उनके खिलाफ आपराधिक धमकी, दंगा, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और जबरन वसूली के भी आरोप हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

30 मई को नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल ने शपथ ली। मंत्रिमंडल में शामिल एक चेहरा मीडिया और सोशल मीडिया को काफी आकर्षित कर रही है। एक झोपड़ी में रहने वाले कमजोर से दिखने वाले 64 साल के प्रताप चंद्र सारंगी इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने बालासोर से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता है और अब वह नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्रालयों में केंद्रीय राज्यमंत्री हैं।

Published: undefined

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। सारंगी सोशल मीडिया पर ‘ओडिशा के मोदी’ के नाम से वायरल हो रहे हैं।

लेकिन ये कम ही लोगों को पता है कि सारंगी पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। उन्होंने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके खिलाफ सात आपराधिक मामले लंबित हैं। उनके खिलाफ आपराधिक धमकी, दंगा, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और जबरन वसूली के भी आरोप हैं।

Published: undefined

मार्च 2002 की एक घटना में, जब सारंगी आरएसएस से जुड़े उग्र हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब उन्हें ओडिशा पुलिस ने दंगा, आगजनी, हमला और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

अपनी सादगी की वजह से सुर्खियों में रहने वाले सारंगी इसबार एक पुराने क्रिमिनल केस को लेकर चर्चा में हैं।

Published: undefined

दरअसल जनवरी 1999 में जब सारंगी ओडिशा में बजरंग दल के प्रमुख थे, तब एक ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके 11 और 7 वर्ष की उम्र के दो बेटों को बजरंग दल से जुड़े एक समूह द्वारा जिंदा जला दिया गया था। ग्राहम स्टेंस और उनके बेटे क्योंझर के मनोहरपुर गांव में एक स्टेशन वैगन में सो रहे थे, जब इस वैगन को भीड़ ने आग लगा दी थी।

Published: undefined

इन हत्याओं के लिए बजरंग दल को दोषी ठहराया गया था। हालांकि इस केस की जांच के दौरान इस संगठन का नाम सामने नहीं आया। इस केस में लंबे ट्रायल के बाद हमला करने वाले लोगों के एक समूह से दारा सिंह समेत 12 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसके बाद ओडिशा हाई कोर्ट ने सिंह को मृत्युदंड की सजा सुनाई। वहीं अन्य 11 आरोपियो को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

Published: undefined

इस हत्यकांड में मोदी के मंत्री प्रताप चंद्र की भूमिका को भी संदिग्ध माना गया। हालांकि उन्होंने इस मामले में किसी तरह से जुड़े होने से इनकार किया था। वहीं उनके खिलाफ ऐसे कोई सबूत सामने नहीं आए जो उन्हें दोषी साबित करते हों। जिसके बाद उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया था।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined