हिंडनबर्ग रिपोर्ट के 'भूचाल' में घिरे अडानी समूह के लिए हर दिन बुरी खबर सामने आ रही है। चौतरफा घिरे अडानी पर जहां विपक्ष हमलावर है तो मोदी सरकार इस मुद्दे से पल्ला झाड़ती नजर आ रही है। हर मोर्चे पर बीजेपी और मोदी सरकार के साथ खड़े रहने वाला आरएसएस अब अडानी समूह के बचाव में उतर आया है। संघ ने अपने मुखपत्र ऑर्गनाइजर में अडानी समूह का बचाव किया है।
Published: 04 Feb 2023, 10:35 AM IST
संघ के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में छपे एक लेख में कहा गया है कि अडानी समूह पर किया गया हमला वैसा ही है जैसा भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस ने बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ थाईलैंड पर किया था और उन्हें तबाह कर दिया था। लेख में कहा गया है कि शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद भारतीयों की एक लॉबी ने गौतम अडानी के खिलाफ एक नकारात्मक कहानी तैयार की। इस लॉबी में वाम विचारधारा से जुड़े देश के कुछ मशहूर प्रोपगंडा वेबसाइटों और एक बड़े वामपंथी नेता की पत्रकार पत्नी शामिल हैं।
ऑर्गनाइजर ने अपने लेख में दावा किया है कि अडानी समूह पर यह हमला असल में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद 25 जनवरी को शुरू नहीं हुआ, बल्कि ऑस्ट्रेलिया से साल 2016-17 में ही इसकी शुरुआत हुई थी। अडानी को बदनाम करने के लिए एक ऑस्ट्रेलियाई एनजीओ ने एक वेबसाइट शुरू की थी। पर्यावरण हितैषी माने जाने वाला एनजीओ बॉब ब्राउन फाउंडेशन (बीबीएफ) अदाणीवॉचडॉटओआरजी के नामक से वेबसाइट चलाता है। अडानी समूह पर हमले की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में अडानी के कोयला खदान प्रोजेक्ट के विरोध से हुई थी। लेख में कहा गया है कि यह सिर्फ यहीं तक नहीं सीमित रहा। अब यह वेबसाइट अडानी से दूर-दूर तक जुड़े किसी भी काम या प्रोजेक्ट के बारे में लेख छापती है। लेख में कहा गया है कि इस वेबसाइट के प्रोपेगेंडा लेख भारतीय राजनीति, अभिव्यक्ति की आजादी आदि में भी घुसपैठ करते हैं।
Published: 04 Feb 2023, 10:35 AM IST
ऑर्गनाइजर ने अपने लेख में दावा किया है कि एक भारतीय एनजीओ नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (एनएफआई) को भी सोरोस, फोर्ड फाउंडेशन, रॉकफेलर, ओमिडयार, बिल गेट्स और अजीम प्रेमजी से फंड मिला। अजीम प्रेमजी के नेतृत्व में एनजीओ आईपीएसएमएफ की शुरुआत हुई जो वाम विचारधारा से जुड़े भारत के कुछ मशहूर प्रोपगंडा वेबसाइटों को फंड देता है।
Published: 04 Feb 2023, 10:35 AM IST
ऑर्गनाइजर ने अपने लेख में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया है कि अगर भारत के कुछ एनजीओ और वेबसाइटों को गलत तरीके से फंड मिल रहा है या फिर इसमें कुछ गलत है तो इन एनजीओ और वेबसाइटों के खिलाफ सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती है? सवाल यह भी है कि अगर अडानी समूह ने कुछ भी गलत नहीं किया है तो आखिर वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट में पूछे गए सवालों का जवाब क्यों नहीं देती? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब अडानी समूह अब तक दे नहीं पाया है और ना ही देने के लिए तैयार है। इसके ठीक उलट हिंडनबर्ग यह साफ कर चुका है कि उसने यह रिपोर्ट कई महीनों की रिसर्च के बाद छापी है। अगर कुछ भी इसमें गलत है तो अडानी समूह अमेरिकी कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।
Published: 04 Feb 2023, 10:35 AM IST
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Published: 04 Feb 2023, 10:35 AM IST