कर्नाटक के बीदर में रविवार को एक स्कूल में छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ एक नाटक का मंचन किया था, जिसे लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया है। खबरों के अनुसार पुलिस ने इस नाटक के आयोजन को लेकर पूरे स्कूल प्रशासन के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया है।
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खबरों के मुताबिक बीदर के शाहीन एजुकेशन इंस्टीट्यूट के एक स्कूल में रविवार को छात्रों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ एक नाटक का मंचन किया गया। इस नाटक का एक वीडियो मोहम्मद युसुफ रहीम नाम के एक शख्स ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसके बाद खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले नीलेश रक्षयाल नाम के शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी, जिसमे कहा गया है, इस नाटक का जिस तरह मंचन हुआ और बाद में जिस तरह इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, उससे समाज की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।
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इस शिकायत पर पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा 124(ए) (देशद्रोह), 504 (शांति भंग करना), 505 (2) (शत्रुता बढ़ाने वाला बयान देना), 153ए (सांप्रदायिक उन्माद फैलाना) और 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया। इस एफआईआर में स्कूल के प्रमुख और प्रबंधन के लोगों को आरोपियों के तौर पर नामजद किया गया है। इसके अलावा वीडियो शेयर करने के लिए मोहम्मद युसुफ रहीम पर भी केस दर्ज किया गया है।
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शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सीएए के खिलाफ नाटक के लिए स्कूल के छोटे बच्चों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को गलत तरीके से पेश किया गया। इस नाटक में बताया गया कि सीएए और एनआरसी लागू होने पर एक समुदाय के लोगों को देश छोड़ना होगा। मीडिया में खबरें आने के बाद खबर है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भी स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन किया और राज्य के गृहमंत्री को कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा।
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