सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तारी के ईडी के अधिकार को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि ईडी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया मनमानी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।
Published: 27 Jul 2022, 11:31 AM IST
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक, ईडी द्वारा की जाने वाली जांच, गिरफ्तारी और संपत्ति को अटैच करने के अधिकार बरकरार रहेगा। इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि जांच के दौरान ED, SFIO, DRI अधिकारियों (पुलिस अफसर नहीं) के सामने दर्ज बयान भी वैध सबूत मानए जाएंगे। साथ ही बेंच ने यह भी कहा कि आरोपी को ECIR (शिकायत की कॉपी) देना भी जरूरी नहीं है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह काफी है कि आरोपी को यह बता दिया जाए कि उसे किन आरोपों के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है।
Published: 27 Jul 2022, 11:31 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किसी आरोपी की गिरफ्तारी गलत नहीं है। यानी शीर्ष अदालत ने ईडी के गिरफ्तारी के अधिकारी को बरकरार रखा है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में पीएमएलए कानून को असंवैधानिक बताया गया था। याचिका में कहा गया था कि पीएमएलए कानून के तहत गिरफ्तारी, जमानत देने, संपत्ति जब्त करने का अधिकार सीआरपीसी के दायरे से बाहर है। याचिका में कहा गया था कि इसके सीआरपीसी में किसी संज्ञेय अपराध की जांच और ट्रायल के बारे में दी गई प्रक्रिया का पालन नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट ने अब अपने फैसले में पीएमएलए कानून के तहत ईडी के अधिकार को बरकार रखा है।
Published: 27 Jul 2022, 11:31 AM IST
प्रवर्तन निदेशालय एक बहु अनुशासनात्मक संगठन है जो वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग का हिस्सा है।
ईडी दो विशेष राजकोषीय कानूनों- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) और धन की रोकथाम अधिनियम, 2002 (PMLA) के प्रावधानों को लागू करने का का काम करता है।
ईडी सीधी भर्ती द्वारा कर्मियों की नियुक्ति के अलावा निदेशालय प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न जांच एजेंसियों, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, आयकर, पुलिस आदि विभागों से भी अधिकारियों को नियुक्त करता है।
Published: 27 Jul 2022, 11:31 AM IST
एक बहुआयामी संगठन की भूमिका में निदेशालय दो कानूनों को लागू करता है, जो नीचे दी गई हैं:
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, यह एक नागरिक कानून है, जो निदेशालय को अर्द्ध न्यायिक शक्तियां देता है।
यह निदेशालय को विनिमय नियंत्रण कानून के संदिग्ध उल्लंघनों की जांच करने के साथ दोषी पर जुर्माना लगाने की भी शक्ति देता है।
धन शोधन निवारण अधिनियम- यह एक आपराधिक कानून है, जो निदेशालय के अधिकारियों को अनंतिम रूप से जांच पड़ताल करने, पूछताछ करने और जुर्माना लगाने का अधिकार देता है।
यह कानून अधिकारियों को कालेधन के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने के अलावा अपराधिक कृत्यों से प्राप्त संपत्ति को संलग्न/जब्त करने का अधिकार भी देता है।
Published: 27 Jul 2022, 11:31 AM IST
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