बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, पूर्व उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार समेत 70 अन्य लोगों के खिलाफ पांच दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। जस्टिस एस. सी. धर्माधिकारी और जस्टिस एस. के. शिंदे की बेंच ने प्रथमदृष्टया साक्ष्यों के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के अधिकारियों को संबंधित कानून के तहत कार्रवाई करने को कहा।
Published: 23 Aug 2019, 9:02 AM IST
मुंबई के एक कार्यकर्ता सुरिंदर एम. अरोड़ा द्वारा दाखिल पीआईएल (जनहित याचिका) में दोनों पवार के अलावा, एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल समेत कई जानेमाने नेताओं, सरकारी और बैंक अधिकारियों का नाम हैं।
Published: 23 Aug 2019, 9:02 AM IST
इन पर राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक को 2007 से 2011 के बीच 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
Published: 23 Aug 2019, 9:02 AM IST
इससे पहले, महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट के तहत एक अर्ध न्यायिक जांच समिति ने इस मामले में पवार और अन्य को जिम्मेदार ठहराया था।
Published: 23 Aug 2019, 9:02 AM IST
नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रुरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने भी एमएससीबी की जांच की थी, जिसमें खुलासा हुआ था कि चीनी मिलों और कपास मिलों को बैंकिंग और भारतीय रिजर्व बैंक के कई नियमों की धज्जियां उड़ाकर अंधाधुंध तरीके से कर्ज बांटे गए, जिन्हें लौटाया नहीं गया।
Published: 23 Aug 2019, 9:02 AM IST
अरोड़ा द्वारा जांच के नतीजे और शिकायतों को दाखिल करने के बावजूद इस मामले में किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
Published: 23 Aug 2019, 9:02 AM IST
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Published: 23 Aug 2019, 9:02 AM IST