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शिकायत अधिकारी की नियुक्ति न करने पर सुप्रीम कोर्ट का सरकार और व्हाट्सएप को नोटिस, 4 हफ्तों में मांगा जवाब  

सुप्रीम कोर्ट ने वॉट्सएप, आईटी और वित्त मंत्रालय को नोटिस भेजकर चार हफ्तों के अंदर इस बात का जवाब मांगा है कि सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने भारत में अब तक शिकायतों के निपटारे के लिए अधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं की?

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  शिकायत अधिकारी की नियुक्ति न करने पर सुप्रीम कोर्ट का सरकार और व्हाट्सएप को नोटिस

व्हाट्सएप से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए अभी तक अधिकारी नियुक्‍त न किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और व्‍हाट्सएप को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और वित्‍त मंत्रालय को नोटिस जारी कर इस मामले में 4 सप्‍ताह के अंदर जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि भारत में अभी तक व्‍हाट्सएप से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए शिकायत अधिकारी नियुक्‍त क्‍यों नहीं किया गया। वहीं इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि कानून होने के बावजूद नियुक्ति नहीं की गई। वहीं गूगल और फेसबुक शिकायत अधिकारी नियुक्त कर चुके हैं।

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इससे पहले व्हाट्सएप ने केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया था कि कंपनी भारतीय कानून का पूरी तरह से पालन करेगी। कंपनी ने यह भी कहा था कि देश में व्यापक नेटवर्क के मद्देनजर वह आम जनता की शिकायत पर कदम उठाने के लिए अधिकारी की नियुक्ति करेगा। वह कानून के मुताबिक समय पर विभिन्न मुद्दों को निपटाएगा।

इससे पहले देश में बढ़ते फेक न्यूज के परिणाम पर व्हॉट्सएप के प्रवक्ता ने कहा था, “व्हॉट्सएप लोगों की सुरक्षा और उनके स्वतंत्र कम्यूनिकेशन का ख्याल रखता है। हम नहीं चाहते कि व्हॉट्सएप को नुकसान पहुंचाने वाले सर्विस के तौर पर इस्तेमाल की जाए। ये एक ऐसा चैलेंज है जो कंपनी और समाज को संबोधित करना है।” कंपनी ने आगे कहा था कि जल्द ही ऐसी व्यवस्था होगी जिसके तहत फेक मैसेज को पहचाना जा सकेगा।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही व्हाट्सएप के सीईओ ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की थी। इस दौरान व्‍हाट्सएप के अधिकारियों ने केंद्र को भरोसा दिया था कि वह हिंसा फैलाने वाले संदेशों के लिए ऐसी तकनीक विकसित कर रहे हैं, जिससे उन्‍हें रोका जा सकेगा।

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