देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक का अनुमान है कि दूसरी तिमाही में देश की विकास दर 5 फीसदी से भी नीचे गिर सकती है। बैंक का अनुमान है कि इस तिमाही में विकास दर 4.2 फीसदी रह सकती है। बैंक का अनुमान है कि पूरे वित्त वर्ष के लिए देश की विकास दर 5 फीसदी के आसपास रहेगी। हालांकि इससे पहले स्टेट बैंक का अनुमान था कि देस की विकास दर पूरे वित्त वर्ष के लिए 6.1 फीसदी रहेगी।
ध्यान रहे कि इस साल पहली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 5 फीसदी रहे थे, जो बीते छह साल का सबसे निचला स्तर था। अब स्टेट बैंक ने भी एडीबीआई, वर्ल्ज बैंक, आईएमएफ और आरबीआई के साथ विकास दर में गिरावट का अनुमान जताया है।
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इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक स्टेट बैंक ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश और बाढ़ से फसलों को काफी नुकसान हुआ है और कई जगह खेती पूरी तरह चौपट हो गई। रिपोर्ट कहती है कि चार महीने की लगातार बारिश से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और पंजाब में खरीफ फसलों पर काफी असर पड़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल 50 फीसदी तक खराब हुई है तो गुजरात में मूंगफली और कपास की खेती को भी 40 और 30 फीसदी का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में आंकलन है कि फसल को नुकसान होने से अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भी असर पड़ेगा।
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गौरतलब है कि सोमवार को ही आईआईपी आंकड़े आए थे, जिनमें 4.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। मैन्यूफैक्चरिंग और बिजली समते कई क्षेत्रों में सुस्ती के चलते देश के औद्योगिक उत्पादन को करारा झटका लगा है। आईआईपी में सुस्ती की मुख्य वजह विनिर्माण क्षेत्र रही जिसमें उत्पादन में 3.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि सितंबर 2018 में 4.8 फीसदी की बढ़ोतरी रही थी। बिजली उत्पादन की बात करें तो सितंबर में इसमें 2.6 फीसदी की गिरावट रही, जबकि एक साल पहले समान महीने में 8.2 फीसदी की बढ़त रही थी।
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